बिहार का हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में इस पर महाभारत होने वाला है। क्योंकि एक तरफ लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पसवान इसपर अपना दावा ठोक रहे हैं। वही इस सीट से वर्तमान में सांसद और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस भी बैकफूट पर जाने को तैयार नहीं है। चिराग और पारस दोनों ही एनडीए का हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में एक सीट को लेकर दोनों के बीच की खींचतान बढ़ने की संभावनाएं प्रबल होती हुई दिख रही है। क्योंकि अब पशुपति पारस ने साफ तौर पर कह दिया है कि मैं हाजीपुर से ही चुनाव लडूंगा और जीतूंगा भी, दुनिया की कोई ताकत मुझे रोक नहीं सकती है।
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“हाजीपुर से एनडीए का उम्मीदवार मैं हूँ”
दरअसल एनडीए की बैठक में जिस तरह चिराग और पारस मिले थे, उसके बाद से दोनों के बीच सबकुछ ठीक होने के अनुमान लगाए जा रहे थे। लेकिन अब ऐसा होना संभव नहीं दिख रहा है। क्योंकि हाजीपुर सीट को लेकर दोनों के बीच ठन गई है। पशुपति पारस ने बकायदा आज प्रेस कांफ्रेंस कर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है। उन्होंने चिराग पासवान पर जमकर हमला बोला। खुद की पार्टी का एनडीए का पुराना सहयोगी बताते हुए कहा कि हाजीपुर से वो चुनाव जरुर लड़ेंगे और जीतेंगे भी दुनिया की कोई ताकत ऐसा करने से नहीं रोक सकती है। मैं ही हाजीपुर से एनडीए का उम्मीदवार हूँ जिसको मैदान में आना ही वो आए।
“हम दोनों की पार्टी अलग है”
पशुपति पारस ने कहा कि देश और बिहार के लोगों को गलतफहमी हुई। 18 को चिराग एनडीए की मीटिंग में आए थे और इस दौरान उन्होंने मेरे पैर छुए, साथ ही आशीर्वाद मांगा। हम उन्हें आशीर्वाद भी दिए। लेकिन इसे लोगों ने गलत समझ लिया। पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उनका दल अलग है, मेरा अलग है। हमलोग एनडीए गठबंधन के साथ हैं।
“हम BJP के ईमानदार सहयोगी हैं”
चिराग पर आरोप लगाते हुए पशुपति पारस ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग ने जदयू के साथ ही भाजपा के खिलाफ अपना उम्मीदवार दिया था। उस वक्त पार्टी एक थी। लेकिन, हम उस वक्त कुछ बोल नहीं पाए। क्योंकि, चिराग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। केंद्रीय मंत्री कहा कि इसके बाद एक उम्मीदवार उस वक्त जीता था। फिर वो विधायक भी जदयू में चला गया। इसके बाद से हमारी लड़ाई हुई। अब 2 साल के बाद फिर से वो एनडीए के साथ आ गया है। उन्होंने कहा कि हम एनडीए के विश्वाशी हैं। हमारे 5 सांसद है, लेकिन कहीं कोई टूट नहीं हैं। हम भाजपा के ईमानदार सहयोगी हैं।
सभी अटकलों पर पारस ने लगाया विराम
पशुपति पारस ने राज्यपाल और राज्यसभा का सांसद बनाए जाने के अटकलों पर भी विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि चुनावी साल में इस तरह की बातें फैलती रहती है। लेकिन मैं ना तो राज्यपाल बनने जा रहा हूँ ना ही राज्यसभा का सदस्य। मैं अगला चुनाव हाजीपुर से लडूंगा और जीतूंगा। वही अपनी और चिराग की पार्टी के विलय के बात से भी उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि दल टूटे तो मिल सकते हैं पर दिल टूटे तो नहीं मिल सकते। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ‘बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय,रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय’
वीणा देवी और चिराग की मुलकात पर बोले पारस
मीडिया कर्मियों ने वीणा देवी और चिराग पासवान की मुलाकात को लेकर भी पशुपति पारस से सवाल पूछा। जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मुलाकात का मतलब ये नहीं है कि दल बदल रहे। एक-दूसरे से मिलना-जुलना तो भारत और बिहार की संस्कृति है। जो भी ये सवाल कर रहे की वीणा देवी चिराग से मिली उनसे ये पूछना चाहता हूँ कि चिराग भी मुझसे मिले इसका मतलब ये थोड़ी है कि वो मेरी आपर्ति में शामिल हो रहे हैं। वही प्रेस कांफ्रेस में वीणा देवी के ना होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनसे बात हुई थी आने को लेकर पर वो अभी अपने लोकसभ क्षेत्र में हैं।
भाजपा ने की थी चाचा और चिराग को एक करने की कोशिश
इस बात को भी पशुपति पारस ने स्वीकार किया है कि भाजपा की तरफ से उन्हें और चिराग को एक करने की कोशिश की गई थी। लेकिन उन्होंने माना कर दिया । पशुपति पारस ने कहा कि भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय मुझे कहा था कि आप चाचा-भतीजा एक हो जाईए। लेकिन मैंने उनको कह दिया था कि हमारी मजबुरी है। चिराग को एनडीए में लेकर जो बनाना है बनाईये मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं है।