गिरिडीह: गिरिडीह स्थित पारसनाथ मंदिर को लेकर लगातार विवाद जारी हैं। जहाँ एक तरफ जैन धर्म का पारसनाथ मंदिर वहां स्थापित हैं । तो वही दूसरी ओर आदिवासी सेंगल अभियान के द्वारा इस पहाड़ को आदिवासियों का देवता बताते हैं। इसे लेकर आदिवासी सेंगल अभियान लगातार आंदोलन कर रही है ।
उग्र से उग्र आंदोलन के लिए तैयार
वही इसके तहत आदिवासी सेंगल अभियान के नेतृत्व मे बड़ी संख्या मे आदिवासी समुदाय के लोगों ने पारम्परिक हथियार के साथ जमशेदपुर के कारणडीह चौक पर जमकर प्रदर्शन कर धरना दिया। उन्होंने कहा की पारसनाथ पहाड़ आदिवासी समुदाय का मारंगबुरु यानी देवता हैं। और जैन धर्म जबरन उसपर मंदिर निर्माण कर अपना कब्ज़ा जमा रही हैं। अगर राज्य और केंद्र सरकार इस मामले को नहीं सुलझाती है और इसे आदिवासियों को नहीं सौंपती हैं तो आगे उग्र से उग्र आंदोलन होगा ।