2015 के दंगों और आगजनी मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की सजा पर रोक लगाने के बाद चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार को पार्टी पर कांग्रेस पर हीं निशाना साधा है। पार्टी के नेतृत्व पर गुजरात इकाई में उन्हें अलग-थलग करने का आरोप लगाया।
पूरे समुदाय का अपमान
अहमदाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए, पाटीदार नेता और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने गुजरात कांग्रेस की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने खोडलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष और शक्तिशाली पाटीदार नेता नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने में देरी पर कांग्रेस नेतृत्व पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह पूरे समुदाय का अपमान है। नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर जिस तरह की चर्चा हो रही है, वह पूरे समुदाय के लिए अपमानजनक है। अब दो महीने से अधिक हो गए हैं। अभी तक कोई फैसला क्यों नहीं लिया गया? कांग्रेस आलाकमान या स्थानीय नेतृत्व को नरेश पटेल को शामिल करने के बारे में त्वरित निर्णय लेना चाहिए।
हार्दिक पटेल 2020 में कांग्रेस में शामिल हुए
28 वर्षीय हार्दिक पटेल ने ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग करते हुए 2015 में गुजरात में पाटीदार समुदाय के अभियान की अगुवाई की थी। पटेल ने दावा किया कि कांग्रेस को अच्छा प्रदर्शन करने और 2015 और 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में स्थानीय निकायों के चुनावों में बड़ी संख्या में सीटें जीतने में मदद की जब पार्टी ने 182 सदस्यीय सदन में 77 सीटें जीती थीं। हार्दिक पटेल को खुद राहुल गांधी ने कांग्रेस में शामिल किया था और 2020 में गुजरात के कार्यकारी अध्यक्ष बने।
पार्टी को हार्दिक से खतरा
पटेल ने आगे कहा कि इसका कारण यह हो सकता है कि लोगों को पार्टी में उनसे खतरा महसूस हुआ। पटेल ने कहा ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि पार्टी में कुछ लोग सोचेंगे कि अगर आज मुझे महत्व दिया गया तो मैं कुछ साल बाद उनके रास्ते में आ जाउंगा और उनके राजनीति कैरियर पर असर पड़ेगा।