उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में हुए घोटाले मामले में पटना हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को छह सप्ताह का समय देते हुए जल्द इस मामले में जांच कराने का आदेश जारी है। केंद्र सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया जाएगा की इस मामले की जांच कौन करेगा।
दरअसल, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक से फर्जी दस्तावेज के आधार पर लोन दिए गए थे, जिसको लेकर पिछले साल मुजफ्फरपुर के काजी मुहम्मदपुर थाना में घोटाले की प्राथमिकी दर्ज हुई थी। जिसकी जांच नाबार्ड द्वारा की गई थी जांच में सारे आरोप सही साबित हुई जिसके बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में वकील शिव प्रताप ने कोर्ट को बताया कि- उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक घोटाले में नाबार्ड की जांच रिपोर्ट में बैंक पर लगे सारे आरोप सही पाए गए हैं। बैंक में फर्जी दस्तावेज के आधार पर लोन दिए गए। केंद्र द्वारा दी गई सब्सिडी राशि का भी दुरुपयोग हुआ। उसके बाद कोर्ट ने यह सवाल किया कि, जब आरोप सही हैं तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
इसके बाद नाबार्ड द्वारा बताया गया कि कार्रवाई की जवाबदेही केंद्रीय वित्त मंत्रालय और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को आरोपों की जांच अपनी एजेंसी से कराकर कार्रवाई का आदेश दिया। अदालत ने केंद्र सरकार एवं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को इस बात की स्पष्ट जानकारी देने का आदेश दिया है कि इस घोटाले की जांच कौन करेगा। कोर्ट ने छह सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
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