पटना साहिब स्टेशन से गंगा किनारे पटना घाट तक फोरलेन हाईवे का निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है, जो पटना शहर के पूर्वी इलाके की सड़क यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह परियोजना ढाई साल से जमीन हस्तांतरण विवाद में फंसी हुई थी, लेकिन अब सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलने की उम्मीद है और अगले 15 दिनों में निर्माण कार्य की स्वीकृति मिलने की संभावना है।
परियोजना का उद्देश्य और लाभ
यह फोरलेन सड़क परियोजना पटना साहिब स्टेशन से पटना घाट तक रेलवे लाइन को हटाकर बनाई जाएगी। इसका उद्देश्य पटना सिटी की प्रमुख मंडियों, जैसे मारुफगंज मंडी से सामान लाने-ले जाने में राहत देना और लोकनायक गंगा पथ से पटना साहिब स्टेशन तक की यात्रा को सुगम बनाना है। यह परियोजना पटना के पूर्वी हिस्से की करीब 10 लाख की आबादी को जाम से राहत भी प्रदान करेगी।
परियोजना की स्थिति
पटना साहिब स्टेशन से पटना घाट तक 550 मीटर लंबी रेलवे भूमि पर 4 लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा, साथ ही तीन अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है:
नुरूद्दीन घाट से धर्मशाला घाट तक 2.9 किमी का एलिवेटेड रोड। गंगा पथ दीदारगंज जंक्शन से कच्ची दरगाह-विदुपुर 6 लेन ब्रिज एप्रोच तक 750 मीटर का 4 लेन सड़क। पटना साहिब से पटना घाट तक 4 लेन सड़क।
इन परियोजनाओं की कुल लागत 495 करोड़ रुपये है। इस निर्माण का जिम्मा जुलाई 2022 में एक एजेंसी को सौंपा गया था। हालांकि, पटना साहिब से पटना घाट तक की परियोजना में जमीन विवाद के कारण देरी हो रही थी, लेकिन अब यह अड़चन समाप्त हो गई है और निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा।
निर्माण में देरी का कारण
प्रारंभिक देरी का कारण जमीन हस्तांतरण विवाद था, जिसके चलते निर्माण कार्य निर्धारित समय पर शुरू नहीं हो सका। अब जब जमीन हस्तांतरण प्रक्रिया पूरी हो गई है, निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होगा, जिससे पटना सिटी और पूर्वी पटना के लोगों को बेहतर सड़क सुविधाएं मिलेंगी।