13 दिसंबर को हुई BPSC 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान बापू परीक्षा केंद्र पर हुए हंगामे को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। पटना जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि हंगामा करने वालों में परीक्षार्थियों के अलावा कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल थे, जो परीक्षा रद्द करवाने के इरादे से आए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, असामाजिक तत्वों का एक समूह परीक्षा केंद्र के बाहर से हंगामे के लिए तैयार था, इनका उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करना और इसे रद्द करवाना था। हंगामे के दौरान अतिरिक्त केंद्राधीक्षक प्रो. रामइकबाल सिंह को हृदयाघात हुआ, जिससे उनकी जान चली गई। फिलहाल अब हंगामा करने वालों और इसमें शामिल असामाजिक तत्वों पर हत्या का केस दर्ज किया जाएगा। असामाजिक तत्वों और दोषी परीक्षार्थियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इधर पटना डीएम ने इस मामले पर अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को सौंप दी है, हंगामे के पीछे की साजिश और शामिल लोगों की भूमिका का विस्तृत विवरण दिया गया है। पटना जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर BPSC आज यानी सोमवार एक अहम बैठक कर रही है, इसमें दोषियों पर कार्रवाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों पर चर्चा होगी।