जनता दल यूनाइटेड (Janata Dal United) के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रोफ़ेसर रणबीर नंदन (Professor Ranbir Nandan) ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी किया। प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल में देश का विकास दर निगेटिव हो गया था। बिहार के आर्थिक सर्वेक्षण में यह स्पष्ट रूप से देखने को मिला है। नीतीश कुमार की दूरदर्शिता और कुशल प्रबंधन के कारण बिहार की अर्थव्यवस्था ढाई फीसदी की दर से बढ़ी है
विपक्ष का अनर्गल प्रलाप
प्रोफ़ेसर रणबीर नंदन ने कहा कि कोरोना काल में बिहार का विकास दूसरे सभी राज्यों के लिए नजीर है। साथ ही विपक्ष के नेताओं के लिए भी यह जानने की बात है कि अनर्गल प्रलाप से नहीं, दृढ़शक्ति और दूरदर्शी नेतृत्व से विकास होता है। उन्होंने कहा कि यह माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों का ही प्रतिफल रहा कि वर्ष 2020-21 में राज्य का अपने कर से आय 36543 करोड़ था, जबकि 2019-20 के 33858 करोड रुपए हो गया। पूर्व विधान पार्षद ने राज्य की अर्थव्यवस्था राज्य के प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी के बारे में बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे ही राज्य के प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी हो रही है।
कल्याणकारी योजना हर तबके को
रणबीर नंदन ने आगे कहा कि समावेशी विकास नीति के कारण अब सरकारी की कल्याणकारी योजनाओं की राशि भी समाज के निचले पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंच रहा है। नंदन ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने समाज के हर तबके का ख्याल रखा है। उनके विकास का असर समाज के हर पायदान के लोगों तक पहुंचा है। वर्ष 2012-13 में बिहार में प्रति व्यक्ति आय 26459, 2013-14 में 29251 रुपए हो गई। 2015-16 में यह आंकड़ा 33218 तक पहुंचा, 2016-17 में 37052, 2017-18 में 40065, 2018-19 में 44451 और 2020-21 में बिहार में प्रति व्यक्ति आय 50555 रुपए हो गई।
प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी
पूर्व विधान पार्षद कहा कि बिहार ने प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी के साथ शहरीकरण के स्तर में भी लगातार बढ़ोतरी की है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में शहरीकरण का स्तर मात्र 11.3 फीसदी था जो अब बढ़कर 15.3 फीसदी हो गया है। वर्ष 2015-16 में नगर विकास विभाग का खर्च 1648 करोड़ था जो 2019-20 यानी 5 वर्षों में बढ़कर 2766 करोड़ हो गया है। उसी तरह आवास बनाने पर खर्च वर्ष 2015-16 में 1486 करोड़ था जो 2019-20 यानी 5 वर्षों में चैगुना बढ़कर 5658 करोड़ हो गया है।