देश में इस वक्त बड़ी चर्चा INDIA और BHARAT को लेकर है। इस पर जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रशांत किशोर से पूछा गया कि अगर President Of Bharat लिखा गया है तो I.N.D.I.A गठबधन वालों को इतनी आपत्ति क्यों है? इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि संविधान में उसमें दोनों शब्दों का प्रयोग है। INDIA और BHARAT दोनों है। जो लोग शासन में हैं वो अगर INDIA की जगह BHARAT शब्द का प्रयोग करना चाहते हैं तो वो उनका प्रेरोगेटिव है। मान लीजिए किसी जमाने में हम लोग मुंबई को बंबई, कभी मद्रास कहते थे आज चेन्नई कहा जा रहा है। अब ये सही है या गलत है इसमें हर व्यक्ति का अपना नजरिया हो सकता है।
सरकार गलत करेगी तो 5 वर्ष बाद खामियाजा भुगतेगी
मुजफ्फरपुर में पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जिस संविधान की हम लोग शपथ लेते हैं, उसमें पहला लाइन ही We The People यानी हम भारत के लोग लिखा है। ऐसे में लोगों ने जिनको सरकार में बैठाया है उन्हें ही निर्णय लेने दीजिए। लोग अगर इससे इत्तेफाक नहीं रखेंगे तो 5 साल में चुनाव की व्यवस्था है। अगर सरकार जनता की इच्छा आशा के अनुरूप काम नहीं कर रही है तो 5 बरस में सरकार को इसमें खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कोई विद्वान या कोई इंटेलेक्चुअल नहीं कह सकता कि हम देश में ऊपर हैं। जनता का विल ही अंतिम विल है। सरकार अगर जनमत के भावना के अनुरूप काम नहीं करेगी उनके विरोध में काम करेंगे तो जनता अपने मत के द्वारा उसको जाहिर करेगी।