[Team insider] पुलिस अफीम के खेती को नष्ट करने को लेकर लागातार अभियान चला रही है। इसी क्रम में रांची के बुंडू थाना क्षेत्र में पुलिस ने हुमटा गांव में लगभग एक एकड़ में लगे अफीम की फसल को नष्ट किया। अफीम की खेती जंगलों के बीच छिपाकर की गई थी। गुप्त सूचना पर बुंडू थाना प्रभारी रमेश कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई। खेती किसके द्वारा की गई थी। पुलिस इसका पता लगा रही है। साथ ही जिनकी जमीन पर खेती की गई है उन पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। टीम में एसआई दीपक कुमार, सूरज कुमार, पंकज प्रमाणिक एवं सशस्त्र बल शामिल थे।
अफीम की खेती करना भी काफी होता है महंगा
पोस्ते की खेती करने वाले माफियाओं को नक्सलियों का संरक्षण प्राप्त है। यही कारण है कि जंगली इलाके में अवैध रूप से बड़े पैमाने पर हर साल अफीम तस्करों द्वारा स्थानीय ग्रामीणों की मदद से पोस्ते की खेती की जाती है। हालांकि कई बार नक्सली जबरदस्ती किसानों की जमींन पर खेती करने लगते हैं। अफीम की खेती करना भी काफी महंगा होता है लेकिन अवैध कारोबार के जरिए फसल तैयार होने के बाद लागत से कई गुणा ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है।
ऐसे होती है अफीम की खेती
बता दें कि अफीम की फसल तीन महीने में तैयार होती है और ये समय अफीम की फैसल तैयार होने का ही है। अफीम को फसलों के बीच में लगाया जाता है और इसकी खेती काफी गुप्त तरीके से की जाती है ताकि किसी की नजर न पड़े। जिन इलाकों में वाहनों की आवाजाही ना हो सके वहां भी अफीम की खेती की जाती है।