बजरंग दल पर बैन लगाने की मांग को लेकर बिहार में सियासी दंगल जारी है। जब से जदयू सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने बजरंग दल पर बैन लगाने की मांग की है, तभी से भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है। बिहार भजपा के तमाम नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने निशाने पर लिए हुए हैं। प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी सीधा नीतीश कुमार को चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने कल ही कहा था कि नीतीश कुमार में हिम्मत है तो वो बजरंग दल पर बैन लगा कर दिखाए। फिर उन्हें पता चल जाएगा कि जनता उनका क्या हाल करेगी। आज उन्होंने एकबार फिर नीतीश कुमार पर हमला बोला हैं।
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“नीतीश की मानसिकता में दोष”
सम्राट चौधरी ने कहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी के लोग बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कर रहे है, इससे उनकी पार्टी की मानसिकता का पता चलता है। ये नीतीश कुमार की मानसिकता के दोष को भी दर्शाता है। आखिर देश में कोई भी कैसे बजरंग दल पर बैन करने की मांग कर सकता है। जो भी बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कर रहा है उसका हाल भी रावण के जैसा हो जाएगा। साथ ही उन्होंने रामवनवमी हिंसा के दौरान बिहारशरीफ में हुई हिंसा को लेकर की बड़ी बात कही।
उन्होंने कहा कि पीड़ित लोगों से मुलाक़ात करना चाहते हैं पर अनुमति ही नहीं दी जा रही है। पर नीतीश कुमार कहते हैं कि आने – जाने में कोई रोक नहीं है। वहीं दूसरी तरफ डीएम कहते हैं है की वहां धारा 144 लागू है। इससे साफ पता चलता है कि बिहार में कानून का राज नहीं है। घटना के करीब सवा महीने बाद भी धारा 144 लगा हुआ है तो ये बहुत खराब बात है।
कर्नाटक से शुरू हुआ विवाद
दरअसल बजरंग दल पर बैन को लेकर विवाद कर्नाटक चुनाव से शुरू हुआ है। 10 मई को कर्नाटक में मतदान होना है। उससे पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि कर्नाटक में उनकी सरकार बनने पर वहां बजरंग दल को बैन कर दिया जाएगा। भाजपा की तरफ से इस चुनावी मुद्दा बना लिया गया है। खुद प्रधानमंत्री मोदी भी चुनावी भाषणों में इस वादे का जिक्र कर कांग्रेस पर हमला बोल रहे हैं। वहीं अब कर्नाटक में चल रही इस लड़ाई का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है। बिहार में भी बजरंग दल को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है।