आज देश को नया संसद भवन मिल गया है। प्रधानमन्त्री मोदी ने पुरे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ नए संसद भवन का उद्घाटन किया है। लेकिन दूसरी और संसद को लेकर जमकर सियासत भी हो रही है। 21 विपक्षी दलों ने पहले ही संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर दिया। उनकी मांग थी कि नए संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री के बजाय राष्ट्रपति को करना चाहिए। विपक्षी दल उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को ना बुलाए जाने का भी विरोध कर रहे हैं। इसे वो आदिवासियों के अपमान से जोड़कर देख रहे हैं क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समाज से आती है। बिहार में भी संसद के उद्घाटन का जमकर विरोध हो रहा है। जदयू आज उद्घाटन के विरोध में उपवास करने जा रही है।
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अंबेडकर की मूर्ति के नीचे JDU का उपवास
जदयू की तरफ से एकदिवसीय उपवास का करने का ऐलान किया गया है। बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की मूर्ति के नीचे बैठकर जदयू के तमाम नेता उपवास करेंगे। जेडीयू का कहना है कि नए संसद भवन का लोकार्पण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है, जो कि संसदीय परंपराओं का अपमान है। बता दें कि बेली रोड स्थित अंबेडकर की मूर्ति के नीचे बैठक जदयू के नेता उपवास करेंगे। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजुद रहेंगे।