स्थानीय लोगों में आक्रोश, पुलिस-प्रशासन की मिली भगत का लगाया आरोप
बिहार में रेल पटरी की चोरी, सरकारी टावर की चोरी, सरकारी इमारतों की चोरी,सरकारी जमीन की चोरी आदि के बाद अब तालाब चोरी का मामला सामने आ रहा है। जी हाँ, बिहार के दरभंगा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहाँ तालाब की चोरी हुई है। तालाबों का शहर कहे जाने वाले शहर दरभंगा को इन दिनों भू-माफियाओं की नजर लग गई है। कई तालाबों को मिट्टी भरकर इन भू-माफियाओं ने बेच डाला और उन पर बड़े-बड़े इमारत भी खड़े करवा दिए। ऐसा ही मामला एक बार फिर से सामने आया है। विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 4 के नीम पोखर स्थित करीब 36 डिस्मिल सरकारी तालाब को भू-माफियाओं ने रातों-रात भरकर समतल बना दिया। इस बात से आसपास के लोगों में काफी आक्रोश है। लोगों का आरोप है कि पुलिस और सीओ की मिलीभगत से तालाब को भर दिया गया। उनका कहना है कि शिकायत के बाद भी अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे। लोग अब न्भूयायालय की रह देख रहे हैं। खबर के अनुसार माफियाओं ने इस बड़े तालाब को रात के अंधेरे में चोरी छुपे मिट्टी भर उसे समतल कर दिया और इस पर अपना कब्जा जमाने के लिए वहां एक झोपड़ी भी बना दी। बताया जा रहा है कि इस तालाब की जमाबंदी बीते वर्ष से एक व्यक्ति को दी गई थी। उसने इसे भरना शुरू किया तो सीओ ने एडीएम राजस्व को पत्र लिख जमाबंदी रद्द करने की मांग की। कहा जा रहा है कि उस पत्र को एडीएम ने खारिज कर दिया। जमाबंदी रद्द नहीं होने के चलते तालाब का भरा जाना जारी रहा। और अंततः इसे पूरी तरह भर ही दिया गया। इससे गुस्साए लोगों ने इसकी सूचना दरभंगा सदर के एसडीपीओ अमित कुमार को दी। इसके बाद मौके पर पुलिस बल के साथ खुद SDPO अमित कुमार पहुंचे। तब तक भू-माफिया मौके से फरार हो गए थे। अमित कुमार ने कहा कि यह गंभीर मामला है। खुद SDPO अमित कुमार ने मोहल्ले के लोगो से पूछताछ की, जिसमें यह बात सामने आई कि यह तालाब सरकारी है । एसडीपीओ ने कहा कि फिलहाल पुलिस-प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रही है और दोषियों की जानकारी मिलते ही उनपर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। इसी संबंध में सदर अंचल के सीओ इंद्रासन साह का कहना है कि यह सैरात है। इसकी बंदोबस्ती होती थी। सीओ का ये भी कहना है कि हाल के दिनों में किसी व्यक्ति ने इसकी जमाबंदी अपने नाम कर ली। मामला संज्ञान में आने के बाद जमाबंदी रद्द करने के लिए जिला मुख्यालय को प्रस्ताव भी भेजा गया। लेकिन जमाबंदी को इसमें वैध माना गया।
फिलहाल देखा जाए तो इस मामले में अलग अलग लोगों और अफसरों की अलग अलग राय सुनने को मिल रही है। अब तो पूरा मामला सामने आने के बाद ही कोई कार्यवाही भी हो पायेगी। वहीँ अब तालाब चोरी की इस घटना को लेकर लोग न्यायालय में जाने की तैयारी में दिख रहे हैं। आपको बता दें कि प्रदेश के इकलौते सौर्य ऊर्जा प्लांट के बगल में स्थित इस तालाब में छठ महापर्व के अवसर पर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाता रहा है।