सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद व राजद नेता प्रभुनाथ सिंह को ह’त्या के एक मामले में दोषी करार दिया था। अब इस मामले में फैसला सुनाते हुए प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 1995 के इस डबल म’र्डर केस में प्रभुनाथ सिंह को निचली अदालत से रिहाई मिल गई थी। पटना हाईकोर्ट ने भी उस रिहाई को सही ठहराया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। तीन जजों की बेंच ने मशरक में राजेंद्र राय और दारोगा राय की ह’त्या के मामले में दोषी करार दिया है। इस पर शुक्रवार, 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया। साथ ही कोर्ट ने दोनों मृ’तकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए देने का भी आदेश सुनाया है। जबकि घायल को 5 लाख रुपए देने का आदेश दिया गया है। यह मुआवजा प्रभुनाथ सिंह के साथ राज्य को भी देना है।
वोट नहीं देने पर हुई थी ह’त्या
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि 1995 के चुनाव में प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं करने पर राजेंद्र राय और दारोगा राय की ह’त्या की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है। कोर्ट का कहना है कि प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। वैसे इसी मामले में अन्य आरोपियों को रिहाई को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है।
चार बार सांसद रहे हैं प्रभुनाथ सिंह
बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह ने चार लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की है। तीन बार वे सीएम नीतीश कुमार की पार्टी से लोकसभा सांसद रहे हैं। जबकि एक बार वे राजद के टिकट पर जीते हैं। प्रभुनाथ पर आरोप थे कि 1995 में मशरक के एक मतदान केंद्र के पास तब 47 साल के दारोगा राय और 18 साल के राजेंद्र राय की ह’त्या की थी। ह’त्या का कारण यह बताया गया कि दोनों ने प्रभुनाथ सिंह समर्थित कैंडिडेट को वोट नहीं दिया। मृतक के भाई द्वारा गवाहों को धमकाने की शिकायत के बाद इस केस को छपरा से पटना ट्रांसफर कर दिया गया। 2008 में पटना की अदालत ने सबूतों के अभाव में प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया। 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को सही ठहरा दिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
अभी विधायक ह’त्याकांड में सजा काट रहे प्रभुनाथ सिंह
राजद नेता प्रभुनाथ सिंह अभी भी एक अन्य ह’त्याकांड में ही सजा का ट रहे हैं। यह मामला भी 1995 का ही है। तब के मशरक विधायक अशोक सिंह की ह’त्या का आरोप प्रभुनाथ सिंह पर लगा था और कोर्ट ने इस मामले में भी प्रभुनाथ को दोषी करार दिया। अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को चुनाव में हराया था, उसके बाद उनकी ह’त्या हो गई थी। इस केस में 2017 में प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराया गया और इसी मामले में वो इस समय जेल में सजा भुगत रहे हैं। राजनीति में प्रभुनाथ सिंह पहले नीतीश कुमार के साथ थे। नीतीश से विवाद के बाद 2010 में प्रभुनाथ सिंह लालू यादव के साथ हो लिए।