बीते दिन रविवार को देश ने दो तस्वीर खुब सुर्ख़ियों में रही। वो भी राजधानी दिल्ली की। एक तस्वीर लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद के उद्घाटन की। वही दूसरी तस्वीर लोकतंत्र के सीने पर चलती हथौड़ी की जैसी। बीते कई दिनों से धरने पर बैठे पहलवानों ने जंतर-मंतर से नई संसद भवन तक शांति पूर्वक मार्च निकलना चाहा। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका। इस दौरान जो देश के लिए मेडल लाने वाले पहलवानों से पुलिस की धक्का-मुक्की की तस्वीरें सामने आई। जिसको लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है। विपक्ष के कई नेताओं ने इसके लिए केंद्र सरकार को अपने निशाने पर लिया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से गंभीर प्रश्न पूछा है।
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PM मोदी से पूछा बड़ा सवाल
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पहलवानों के साथ हुए धक्का-मुक्की को गलत बताया है। साथ ही उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार भी ठहराया है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में सीधे प्रधानमंत्री मोदी से प्रश्न पूछ लिया है। उन्होंने लिखा कि ” आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, ये भारत की वही बेटियां हैं जिन्होंने देश के लिए मेडल जीता, विदेशों में बड़े शान से तिरंगा लहराया और उसके बाद आपने इनके साथ तस्वीर जारी करवाकर बेटियों के सम्मान की बात की थी। लेकिन आज आप अपने पुलिस बल से उन्हीं बेटियों को तिरंगे के साथ घसीटवा रहे हैं। आपकी सरकार के इस कृत के बाद भी आप रात में चैन की नींद कैसे सो पाते हैं ? इसके साथ ही उन्होंने पहलवानों धक्का-मुक्की का वीडियो भी पोस्ट किया है।
पहलवानों की मांग
बता दें कि पहलवान WFI के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद ब्रिजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। पहलवानों ने उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पिछले कई दिनों से पहलवान अपनी मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को उनलोगों ने नए संसद के उद्घाटन के दौरान जंतर-मंतर से नए संसद भवन तक शंतिपूर्ण मार्च निकालना चाहा। लेकिन इस दौरान दिल्ली पुलिस से उनकी जमकर झड़प हो गई। दिल्ली पुलिस ने उन्हें संसद भवन तक जाने से रोक दिया।