[Team insider] झारखंड हाई कोर्ट में अपर बाजार की 29 दुकानों को रांची नगर निगम की ओर से सील करने के नोटिस के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी। इस मामले पर हाइकोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान मंगलवार शाम को ही ट्रिब्यूनल का आदेश भी आ गया। इस आदेश से अपर बाजार के दुकानदारों को राहत मिली है। वहीं अगली सुनवाई के लिए 7 और 8 फरवरी तय की गयी है। तब तक नगर निगम किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर सकता है। इससे पहले हाइकोर्ट ने भी नगर निगम से कहा था कि ट्रब्यूनल का फैसला आने तक वह दुकानों को सील न करे।
बता दें कि मंगलवार की सुबह अपर बाजार में दुकान सील करने नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों पहुंचे थे जिसमें विरोध का सामना करना पड़ा था। जिसके विरोध में सभी व्यवसाय और चेंबर ऑफ कॉमर्स के कर्मचारी धरने पर बैठकर नगर निगम का विरोध कर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे।
बिल्डिंग रेगुलराइजेशन बिल लाना ही एकमात्र विकल्प: चैंबर
वहीं रांची नगर निगम द्वारा दुकानों को सील किये जाने की सूचना प्राप्ति के बाद फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के नेतृत्व में सैकडों व्यापारियों ने गांधी चौक(अपर बाजार) में दुकानें बंद कर निगम की कार्रवाई के प्रति विरोध जताया। इस मामले में देर शाम तक व्यापारियों के पक्ष में फैसला आने पर चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने न्यायालय के प्रति आभार जताया।
लगभग 10 हजार लोगों की जुडी हुई है आजीविका
उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम का मुख्य कार्य शहर को संचालित करना, सुव्यवस्थित करना तथा यहां रहनेवाले लोगों की सुविधाओं का ख्याल रखना है। इस कार्य के लिए निगम को लोगों से राजस्व की प्राप्ति भी होती है। शहर में वर्षों पूर्व निर्मित भवनों को रेगुलराइज करने की सहमति जब निगम की बोर्ड बैठक में दे दी गई है फिर दुकानों को सील करना और तोडने का आदेश देने के पीछे क्या मंशा है, यह समझ से परे है। आज 12 दुकानें तोडने की बात हो रही है, आगे और भी नोटिसें निर्गत होनी हैं। इन दुकानों से प्रत्यक्ष तौर पर लगभग 10 हजार लोगों की आजीविका जुडी हुई है।