मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके करीबियों से जुड़े शेल कंपनी और खनन पट्टा मामले में झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हाई कोर्ट से चार सप्ताह की मांग की। उन की ओर से कहा गया कि सॉलिसिटर जनरल की तबीयत खराब है, इसलिए समय दिया जाए। कोर्ट ने आग्रह स्वीकार कर लिया है। मामले की सुनवाई के लिए दूसरा दिन फिक्स किया गया है। अब सुनवाई 26 अगस्त को होगी। आज की सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई।
बसंत सोरेन और रवि केजरीवाल को जारी किया गया था नोटिस
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दुमका विधायक बसंत सोरेन और रवि केजरीवाल को नोटिस जारी किया था। अदालत ने ईडी को मनरेगा घोटाले में दाखिल आरोपपत्र भी कोर्ट में पेश करने को था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार से पूछा था कि रमेश केजरीवाल, राजीव अग्रवाल, निधि अग्रवाल, प्रेमनाथ माली और रंजन साहू को प्राइवेट रेस्पोंडेंट बनाने का क्या मतलब है। अधिवक्ता राजीव कुमार की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने पांचों का नाम हटाने का आदेश दे दिया है था।
क्या है मामला
दरअसल शिव शंकर शर्मा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन के करीबियों की ओर से शेल कंपनी बनाई गई। इसमें अवैध कमाई को निवेश कर अन्य जगहों पर संपत्ति खरीदी गई है। इसके अलावा हेमंत सोरेन के खनन मंत्री रहते हुए खनन पट्टा लिया है। जो कि आफिस आफ प्राफिट के दायरे में आता है।