BIT के पूर्व प्रोफेसर का अपहरण के मामले का रांची पुलिस ने खुलासा करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में ये बात भी सामने आई है कि प्रोफेसर के पूर्व परिचित और BIT मिश्रा के ही कर्मी के द्वारा इस अपहरणकर्ताओं की साजिश अपने 2 सहयोगियों के माध्यम से रची गई थी। परिचित के घर पार्टी करने जाना BIT के पूर्व प्रोफेसर सुप्रीमो कुमार दास को भारी पड़ गया, क्योंकि शंकर कुमार महतो जो BIT का ही फोर्थ ग्रेड का कर्मी है, उसकी साजिश की भनक पूर्व प्रोफेसर को नहीं थी।
एक वैन मे बिठाकर अनगड़ा के जंगलों मे ले गए
पूर्व प्रोफेसर परिचित शंकर कुमार के बुलाने पर उसके घर चले गए। इस दौरान वहां 2 अन्य शख्स पहले से ही मौजूद थे और वे भी पूर्व प्रोफेसर के साथ खाना खाकर साथ निकले इसके बाद शंकर महतो अपने दोनों सहयोगियों अमित कुमार मिश्रा और भोला कुमार की मदद से पूर्व प्रोफेसर को एक वैन मे बिठाकर अनगड़ा के जंगलों मे ले गए। जहां एक नव निर्मित एसबेस्टस के मकान मे पूर्व प्रोफेसर सुप्रीमो कुमार दास को रखा गया। और फिर उनसे पैसे उगाही की गई। हालांकि उनसे अब तक कितने पैसों की उगाही की गई, ये जनकारी हासिल करने का प्रयास पुलिस कर रही है। इस बाबत रांची सिटी एसपी अंशुमान कुमार ने दी।
पूर्व प्रोफेसर अकेले रहते थे
बता दें कि पूर्व प्रोफेसर अकेले रहते थे और उन्होंने शादी भी नहीं की थी। जिस कारण उनकी खोजबीन भी किसी ने नहीं की और इस वारदात की भनक तक किसी को नहीं लगी। वहीं जब असम से उनके परिजनों ने उनसे लगातार संपर्क स्थापित करने की कोशिश की तो उनका फोन लगातार बंद मिला, जिसके बाद इसकी सूचना असम पुलिस को दी गई। जिसके बाद रांची पुलिस को इसकी सूचना मिली जिसके बाद इस मामले के उद्भेदन को लेकर एक एसआईटी का गठन किया गया।
नव निर्मित मकान से पूर्व प्रोफेसर को बरामद किया गया
त्वरित कार्रवाई करते हुए अंगारा के जंगल से नव निर्मित मकान से पूर्व प्रोफेसर को बरामद किया। वहीं इस मामले मे अमित कुमार मिश्रा( नेवरी) BIT मिश्रा के पास के रहने वाले और भोला कुमार बिहार नालंदा के रहने वाले के साथ शंकर कुमार महतो जो BIT मिश्र का ही कर्मी है उसे गिरफ्तार किया गया है। वहीं पुलिस अनुसंधान मे ये बात भी सामने आई कि 19 जुलाई को ही पूर्व प्रोफेसर का अपहरणकर्ताओं किया गया था। आरोपियों के पास से एक चाकू मिला है और इनमे से अमित कुमार मिश्र का आपराधिक इतिहास है और वो एक चोरी के केस मे जेल जा चुका है।
बहरहाल परिचित के अपहरण पैसों के लालच मे पाकर किया गया था आरोपियों को लगा कि पूर्व प्रोफेसर का कोई नहीं ऐसे मे उनकी खोज ख़बर भी कोई नहीं लेगा और न ही पुलिस या किसी अन्य को इसकी जानकारी मिल पाएगी।