राजधानी रांची में व्यवसाई से 40 लाख रुपए रंगदारी मांगने वाले आरोपी को पुलिस ने 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया। भले ही यह आरोपी की दूसरी अपराधिक घटना थी लेकिन जिस शातिराना तरीके से घटना को अंजाम दिया गया उसने पुलिस को हैरान कर दिया। राजधानी रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में व्यवसाई से 40 लाख रुपए की रंगदारी मांगे जाने की प्राथमिकी ने पुलिस के कान खड़े कर दिए। एसएसपी के निर्देश अनुसार टीम गठित हुई और टेक्निकल सेल ने अपना काम शुरू कर दिया।
शुरुआती तफ्तीश में जानकारी मिली की महाराष्ट्र से कॉल कर रंगदारी मांगी गई है। लेकिन मोबाइल का सीडीआर रांची का निकल रहा था जिसने पुलिस को कंफ्यूज कर दिया। मामले पर अनुसंधान आगे बढ़ता उससे पहले ही अपराधी ने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया गया। और फिर पुलिस के पास से घटना को जोड़ने वाली कड़ी टूट गई। लेकिन कहते हैं ना कि अपराधी कोई ना कोई सबूत जरूर छोड़ता है और इस मामले में भी सबूत ढूंढते हुए कानून के हाथ अपराधी के गिरेबान तक जा पहुंची।
सिक्योरिटी गार्ड का बेटा ही निकला आरोपी
दरअसल मामला 5 दिसंबर का है जब राजधानी के प्रतिष्ठित व्यवसाई के पास व्हाट्सएप के जरिये एक कॉल आता है। फोन रिसीव करते ही उसे जान से मारने की धमकी दी जाती है या फिर जान की कीमत के बदले 40 लाख रुपए की रकम मांगी जाती है। मामले पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जो तथ्य सामने आए वह अपने वफादार से भरोसा उठ जाने जैसा है। दरअसल आरोपी उस सिक्योरिटी गार्ड का बेटा है, जो शिकायतकर्ता के प्रतिष्ठान में सिक्योरिटी का जिम्मा 40 साल से निभा रहा था।
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जो सिम कार्ड इस्तेमाल किए गए वह महाराष्ट्र का था
बरहाल इस पूरे प्रकरण में आरोपी की गिरफ्तारी की जा चुकी है, लेकिन शुरुआती तफ्तीश में मामले में किसी और की संलिप्तता की बात सामने नहीं आई है। लेकिन सवाल यह उठता है कि रंगदारी मांगने के लिए जो सिम कार्ड इस्तेमाल किए गए वह महाराष्ट्र का था तो अगर मामले में किसी की संलिप्तता नहीं है तो फिर आरोपी को वह सिम कहां से उपलब्ध हुआ। पुलिस इस मामले पर भी तफ्तीश कर रही है।