झारखंड हाईकोर्ट से मनी लॉन्ड्रिंग के केस में दोषी पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी अपील याचिका खारिज करते हुए ED कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने एनोस एक्का की अपील पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस गौतम चौधरी की अदालत ने शुक्रवार को एनोस की याचिका पर अपना फ़ैसला सुनाया है।
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मनी लॉन्ड्रिंग के जुर्म में एनोस एक्का सजायाफ्ता
ED कोर्ट और सीबीआई कोर्ट द्वारा अलग-अलग मामलों में दोषी करार दिये जाने के बाद पूर्व मंत्री एनोस एक्का ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद उनकी और उनकी पत्नी की याचिका खारिज कर दी है। लगभग 20 करोड़ 31 लाख 77 हजार रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के जुर्म में एनोस एक्का सजायाफ्ता हैं। एनोस फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
हत्या और आय से मामले में मिल चुकी है सजा
सीबीआई की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के जुर्म में 26 फरवरी 2020 को एनोस को 7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दे चुकी है। पूर्व मंत्री एनोस एक्का 2014 में पारा शिक्षक मनोज कुमार की हुई हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। झारखंड हाईकोर्ट ने सितंबर 2019 में उन्हें जमानत दी थी। बता दें कि तीन जुलाई 2018 को जज नीरज श्रीवास्तव की कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई थी। शव मिलने के अगले ही दिन एनोस एक्का को अरेस्ट कर लिया गया था। इन्होंने 2005, 2009 और 2014 में कोलेबिरा विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। 2005 और 2008 के बीच एक्का मधु कोड़ा सरकार में मंत्री रह चुके हैं।