मांडर विधानसभा उपचुनाव में कांटे की टक्कर के बीच कांग्रेस प्रत्याशी शिल्पी नेहा तिर्की के पक्ष में जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। कांग्रेस उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा की गंगोत्री कुजूर को 24117 वोटों से हराया। वहीं कुजुर ने 4 राउंड की गिनती बाकी रहते ही हार स्वीकार करते हुए शिल्पी नेहा को बधाई दी है।
त्रिकोणीय मुकाबले ने कांग्रेस की राह आसान कर दी
मांडर विधानसभा क्षेत्र में 23 जून को हुए उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले ने कांग्रेस की राह आसान कर दी। भाजपा की हार की सबसे बड़ी वजह देव कुमार धान को बताया जा रहा है, जिन्होंने पार्टी से बगावत करके निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दावेदारी पेश कर दी। एआईएमआईएम समर्थित धान तीसरे स्थान पर रहे हैं। यदि उनके वोट को भाजपा उम्मीदवार को मिले मत में जोड़ दें तो योग कांग्रेस उम्मीदवार को मिले वोट से अधिक है। गौरतलब है कि खुद असदुद्दीन ओवैसी भी धान के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे।
बंधु तिर्की की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी
बता दें कि बंधु तिर्की को आय से अधिक संपत्ति मामले में तीन साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी। जिसे लेकर खाली हुए मांडर विधानसभा में उपचुनाव में कांग्रेस ने उनकी बेटी को शिल्पी नेहा तिर्की को उम्मीदवार बनाया। वहीं, भाजपा ने देव कुमार धान की नाराजगी मोल लेते हुए गंगोत्री कुजुर पर दांव लगाया।
कौन-कौन रहे उम्मीदवारः
गंगोत्री कुजूर-भाजपा
शिल्पी नेहा तिर्की- इंडियन नेशनल कांग्रेस
सुभाष मुंडा- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
दिनेश उरांव- नवोदय जनतांत्रिक पार्टी
रेखा कुमारी- शिवसेना