खलारी के मैकलुस्कीगंज के एक मलार जनजाति परिवार में दुधमुहे बच्ची को बेचने और फिर बच्ची के वापस किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया कि मैकलुस्कीगंज के मलारटोला में रहने वाले एक मलार दंपत्ति ने अपने लगभग एक महीने की बच्ची को रांची के एक मुस्लिम परिवार को बेच दिया। गुरूवार को उक्त मुस्लिम परिवार मैकलुस्कीगंज में रहने वाली माध्यम बनी एक मुस्लिम महिला के साथ मलार टोली पहुंचा। बच्ची के एवज में मलार दंपत्ति को 20500 रूपए दिए गए। बकायदा एक कागज में बच्ची के देने संबंधी सहमति पत्र लिखाया गया।
नशे में था बच्ची का पिता
बच्ची का पिता ने बताया कि मै नशे में था। वहीं बच्चा लेने वाले ने ही मुझे जम कर दारू पिलाया और मेरे अंगूठे का निसान एक पेपर पर ले लिया गया। समाज के कई समझदार इसके गवाह भी बने। अपने ग्राम पंचायत क्षेत्र के लोगों की सभी समस्याओं का समाधान खोजना और समस्या का निवारण करना। पंचायत प्रतिनिधि का अधिकार और कर्तव्य है। बच्ची को लेकर मुस्लिम परिवार पहले चान्हों फिर वहां से रांची रवाना गया। दंपति के पड़ोसी बताते हैं कि इस दिन मलार टोली के अधिकतर लोग मुड़मा मेला गए हुए थे। शुक्रवार को वापस लौटने पर टोली के अन्य लोगों की जानकारी हुई।
ये भी पढ़ें : Hazaribagh: मो. वकार और नसीम प्रेमी युगलों से भगवा गमछा बांधकर करता था वसूली, खुद को बताता था बजरंग दल का कार्यकर्ता
खरीदार मुस्लिम दंपत्ति दिए गए पैसे की कर रहे है मांग
बजरंगदल से जुड़े बच्ची के चाचा ने खलारी प्रखंड के बजरंगदल नेता प्रताप यादव को सूचित किया। प्रताप अपने अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मलार टोली पहुंचे और जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों को इस घटना से अवगत कराते हुए बच्ची को तुरंत वापस लाने की मांग की। बजरंगदल की सक्रियता देख बच्ची के खरीद बिक्री में शामिल लोग हरकत में आए और शनिवार को बच्ची को वापस उसके माता पिता को सौंप दिया। बताया जा रहा है कि बच्ची के खरीदार मुस्लिम दंपत्ति मलार दंपत्ति को दिए गए पैसे की मांग कर रहे है।