झारखंड में बढ़ते गौ तस्करी के मामले को सांसद संजय सेठ ने आज लोकसभा के माध्यम से केंद्र सरकार के समक्ष रखा। नियम 377 के तहत सदन में बात रखते हुए उन्होंने इस पर राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने की भी मांग की। सांसद ने कहा कि झारखंड में गौ तस्करी बड़ा अपराध बन गया है और अब यह संगठित रूप से हो रहा है। पहले यहां अंतरराज्यीय था, अब यह अंतरराष्ट्रीय हो चुका है। हमारे यहां गौ तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि इसका विरोध करने वालों को जिंदा जला दिया जाता है। गाड़ी से कुचल कर दारोगा की हत्या कर दी जाती है।
गोवंश को गंगा के सहारे भेजा जा रहा है बांग्लादेश
सांसद ने कहा कि झारखंड से गोवंश को गंगा के सहारे बांग्लादेश भेजा जा रहा है। और इस तस्करी में जो रुख अपनाया जा रहा है, वह बेहद अमानवीय है। गायों को केले के थंब में बांधकर गंगा नदी में डूबा दिया जाता है, और वह गंगा नदी में बहते हुए बांग्लादेश तक पहुंच जाती है। यह अवैध व्यापार महीने में 100 करोड़ से अधिक का है। इससे जघन्य और अमानवीय और कुछ नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गोवंश जानवरों की तस्करी की जांच से पुलिस को अलग किया है। जब से मुख्यमंत्री ने ऐसा किया है, तब से इनके हौसले और परवान चढ़े हैं।
गायों का संरक्षण और संवर्धन दोनों ही आवश्यक
सांसद ने सदन में गाय को भारत की कृषि सहित सभी क्षेत्रों के जीवन का आधार बताया। गायों का संरक्षण और संवर्धन दोनों ही आवश्यक है। सरकार उस दिशा में काम भी कर रही है परंतु अब इस तस्करी पर रोक लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इस तस्करी पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रीय स्तर का कानून बनाया जाए।