रांची पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के सदस्य ओनलाइन शॉपिंग करने वाले ग्राहकों का डेटाबेस तैयार कर लकी ड्रा के नाम पर उन्हें ठगी का शिकार बनाते थे। इस गिरोह के सदस्य रांची से 20 राज्य के 150 सौ लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं। रांची पुलिस ने इन साइबर अपराधियों को बड़गाईं से गिरफ्तार की है। गिरफ्तार अपराधियों में चुटिया निवासी करन कुमार, चंदन कुमार और सुदामा कुमार शामिल हैं। तीनों साइबर ठग बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं। इन साइबर ठगों के पास से पुलिस ने 12 मोबाइल फोन, छह एटीएम कार्ड, नापतोल डाट कॉम के 484 लिफाफे के अलावा लकी ड्रा के कूपन और दो लाख रुपए बरामद किया है।
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स्पेशल टीम का गठन कर गिरोह का किया भंडाफोड़
मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि आमजनो से साइबर अपराध होने की सूचना पुलिस को मिली थी। सदर डीएसपी प्रभात रंजन और साइबर डीएसपी यशोधरा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने सदर थाना प्रभारी श्याम किशोर के अलावा अन्य लोगों को शामिल किया गया था। गठित टीम ने जब मामले की तफ्दीद की और अपराधियों को धरदबोचा। पूछताछ में अपराधियों ने पुलिस को बताया कि वे लोग बिहार से रांची आकर किराए का मकान लेकर रहते थे।
जीएसटी के नाम पर लेते थे पैसे
एसएसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्यों ने अॉनलाइन शॉपिंग करने वाले लोगों का डेटा इक्ट्ठा किया। उनका नाम व पता की जानकारी हासिल की। इन अपराधियों ने अॉनलाइन वेबसाइट के ग्राहकों के नाम फर्जी लकी ड्रॉ कूपन व पम्पलेट छपवाते थे। उस पम्पलेट में एक क्यूआर कोड भी होता था। जिसे मोबाइल से स्कैन करने पर आठ लाख 40 हजार पाने का धन्यावाद का संदेश आता था। साथ ही लकी ड्रा स्क्रैच करने पर राशि जीतने का बधाई संदेश भी आता था। ग्राहक जब इनाम की राशि पाने के लिए जब पम्पलेट में दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क करता है। तब साइबर अपराधी उनसे जीएसटी, सर्विस टैक्स, रजिस्ट्रेशन चार्ज व अन्य तरह के झांसे देकर उनसे फर्जी बैंक खातों में पैसा मंगवाते ते। इसके बाद एटीएम से राशि की निकासी कर लेते थे।
150 को बनाया ठगी का शिकार
एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह के सदस्यों ने देशभर के 150 लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। इसमें 13 लोगों से पुलिस ने पूछताछ भी की। उन लोगों ने पुलिस को ठगी के शिकार होने की जानकारी दी है। अब पुलिस अन्य लोगों से भी संपर्क कर रही है। जल्द ही उनसे भी जानकारी लेगी। अब तक की जांच में साइबर अपराधी रांची के एक भी व्यक्ति को ठगी का शिकार नहीं बनाने की बात सामने आयी है।