राजधानी रांची में 2021 नियोजन नीति रद्द होने व रोजगार की मांग को लेकर शनिवार को सैकड़ों की संख्या में छात्र सड़क पर उतरे। वहीं छात्रों ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का भी पुतला फूंका। साथ ही छात्रों ने सोमवार 19 दिसंबर को झारखंड बंद की घोषणा की। वही अभी से लेकर राज्य के युवाओं में भी खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। जगह-जगह सीएम और शिक्षा मंत्री को लेकर भी लोग नाराजगी जता रहे हैं। वही यहां के युवाओं का भी मानना है कि राज्य की हेमंत सरकार नीतियों को जानबुझ कर सिर्फ पेंच में डालना चाहते हैं।
करीब 50,000 नियुक्तियों पर पड़ रहा सीधा असर
वहीं उन्होंने कहा कि कहा कि हेमन्त सोरेन सरकार की शुरू से ही नियोजन नीति लाने की मंशा नहीं थी। इसलिए सरकार ने असंवैधानिक व साजिश के तहत गलत नियोजन नीति 2021 लाने का काम किया था। जिससे झारखंड के हजारों छात्रों का भविष्य खराब हो गया। हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद करीब 50,000 नियुक्तियों पर सीधा असर पड़ रहा है। करीब 3.5 लाख पद राज्य में खाली पड़े हैं।
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नियुक्ति प्रतियोगिता में बाहर के छात्र भी हो सकते हैं शामिल
बता दें कि शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट ने हेमन्त सरकार द्वारा 2021 में पारित नियोजन नीति (JSSC रूल्स संशोधन) को रद्द कर दिया है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग(JSSC) नियुक्ति नियमावली को चुनौती देने को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में पारित नियोजन नीति (JSSC रूल्स संशोधन) को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब वैसे अभ्यर्थी भी JSSC और JPSC द्वारा ली जाने वाली नियुक्ति प्रतियोगिता में शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने झारखंड के बाहर दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई की है।