[Team insider] मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी और खनन लीज मामले में मेंटेनेबिलिटी (वैधता) पर शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई योग्य माना है। इससे पहले झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने 1 जून को सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अगली सुनवाई की 10 जून को
प्रार्थी शिवशंकर शर्मा की पीआईएल संख्या 4290 की वैधता पर राज्य सरकार दलीलों को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 10 जून को निर्धारित की है। शेल कंपनियों में निवेश की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका को अदालत ने स्वीकार कर लिया है, साथ ही मेंटेनबिलिटी की बिन्दु पर सरकार द्वारा दी गयी दलील को खारिज कर दिया गया है।
अगली सुनवाई भी ऑनलाइन की जगह फिजिकल कोर्ट में होगी
हाईकोर्ट में अब इस जनहित याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि 10 जून को मेरिट पर सुनवाई होगी। बताया गया है कि 6जून के बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म हो जाने के बाद हाईकार्ट में फिजिकल सुनवाई शुरू हो जाएगी, इसलिए इस मामले की अगली सुनवाई भी ऑनलाइन की जगह फिजिकल कोर्ट में होगी।
मेंटेनबिलिटी पर सवाल उठाते हुए कोर्ट से आग्रह किया था
इससे पहले 1 जून को पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जनहित याचिका की मेंटेनबिलिटी पर सवाल उठाते हुए कोर्ट से आग्रह किया था कि वह इस याचिका पर आगे की सुनवाई ना करें और याचिका को खारिज कर दें। इसके लिए सरकार की ओर से अदालत में उपस्थित वकीलों ने कई बिन्दुओं पर बहस भी की थी।