विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) आज शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची में थें। बिहार के पशुपालन और मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी रांची में कहा कि वे झारखंड सत्ता की नहीं निषादों और अति पिछड़ों के हक और अधिकार की लड़ाई लडने आए हैं। सहनी वीआईपी पार्टी का झारखंड में शुभारंभ करने और पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थें।
झारखंड अब युवा हो गया है
उद्घाटन के अवसर पर सहनी ने कहा कि बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य निर्माण करने का मुख्य उद्देश्य था। वह उद्देश्य था कि झारखंड का विकास हो सके यहां समाज के दबे कुचलों को उनका अधिकार मिल सके और उन्हें विकास के पथ पर आगे बढ़ाया जा सके। जब झारखंड अलग हुआ तो एक नए राज्य का जन्म हुआ इस जन्म के बाद झारखंड अब युवा हो गया है। झारखंड अलग होने के बाद भी कोई बदलाव नहीं आया है और आज भी यहां के लोगों की वही पहले जैसी स्थित बनी हुई है। यहां के युवा अन्य राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं वहीं मानव तस्करी के जरिए यहां की लडकियों का शोषण लगातार बढ़ता जा है।
निशाना बनाया जा रहा
‘सन ऑफ मल्लाह ‘ के नाम से चर्चित सहनी ने कहा कि हमलोगों ने अति पिछड़ों के आरक्षण के लिए जब से 15 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की है तब से राजनीतिक दलों के लोग द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। सहनी ने सवालिया अंदाज में कहा कि आज दबे, कुचले, शोषित, पीड़ित लोगों की लड़ाई लडने के लिए प्यार मिलता है, तो फिर क्यों नहीं इनके हक और अधिकार की लड़ाई लड़ूं?
अबतक सिर्फ नारे लगे
मुकेश सहनी ने झारखंड सरकार से मांग करते हुए कहा कि मल्लाह जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए। उन्होंने बिहार का उदहारण देते हुए कहा कि ऐसा ही प्रस्ताव बिहार की सरकार ने केंद्र सरकार के पास भेज चुकी है। वीआईपी के नेता ने कहा कि अब तक अति पिछड़ों के कल्याण के लिए सिर्फ नारे लगे, पिछडों को सिर्फ वोटों के लिए इस्तेमाल किया गया, लेकिन अब समय आ गया है यह अधिकार मांगा नहीं बल्कि इसके लिए लड़ाई लड़ी जाए चाहे वह लड़ाई कितनी भी लंबी क्यों न हो।
झारखंड वापस लौटने नहीं आया
सहनी ने झारखंड के लोगों से अपील करते हुए और भरोसा दिलाते हुए वादा किया कि मैं झारखंड वापस लौटने नहीं आया हूं बल्कि यहां लड़ाई लडने और जीतने आया हूं। उन्होंने कहा कि मैंने भी गरीबी देखी है मल्लाहों की बेरोजगारी का मुझे एहसास है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि वीआईपी का कारवां झारखंड की पावन भूमि तक पहुंच गई है और आपलोगों की मदद से लड़ाई हम जीतेंगे भी।