झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व्यापार विरोधी और किसान विरोधी कृषि बाजार शुल्क के खिलाफ पूरे प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर चुका है। राजधानी रांची सहित पूरे प्रदेश भर में व्यवसाय से जुड़े सारे प्रतिष्ठान बंद है और चेंबर के 24 जिलों के व्यवसायियों का एक राज्यस्तरीय सम्मेलन भी रांची में हुआ। सम्मेलन के बाद कृषि बाजार से लेकर चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति तैयार हुई। उसी के तहत व्यवसायियों के द्वारा मोराबादी मैदान में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का पुतला दहन भी किया गया। चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष का कहना है कि जब तक यह शुल्क वापस नहीं होता। तब तक हम व्यवसाई प्रत्येक दिन किसी न किसी रूप से विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। साथ ही 15 फरवरी से खाद्यान्न व्यवसाय अनिश्चितकालीन के लिए बंद होगा।
काले झंडे के साथ निकाला आक्रोश मार्च
झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के बैनर तले बुधवार को मोरहाबादी के संगम गार्डन में हुई बैठक में 15 फरवरी से राज्य भर के सभी थोक खाद्यान्न विक्रेताओं ने अनिश्चितकालीन बंदी की घोषणा की। बैठक के बाद आंदोलित व्यवसायियों ने काले झंडे के साथ आक्रोश मार्च निकाला और मोरहाबादी मैदान में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का पुतला फूंका। आक्रोशित व्यवसायियों ने हेमंत सोरेन सरकार को व्यवसायी विरोधी, किसान विरोधी और आम जन विरोधी बताते हुए “झारखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2023” को वापस लेने की मांग की।
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रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाया जाए
राज्यभर से रांची आये थोक खाद्यान्न व्यवसायियों ने कहा कि इस काले कानून को लेकर कांग्रेस का जिस तरह का रवैया रहा है, अब समय आ गया है कि रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाया जाए. वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी से मुलाकात कर अपनी बात रखने के बावजूद कांग्रेस और सरकार इस काले कानून को अमलीजामा पहनाने में लगी है। ऐसे में रामगढ़ में व्यवसायी किसी का समर्थन भले ही न करें, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार का विरोध जरूर करें। वक्ताओं ने कहा है कि अब आरपार की लड़ाई के लिए व्यवसायी तैयार है।