झारखंड ही नहीं देश भर में सम्मेद शिखर(पारसनाथ) को पर्यटन स्थल बनाने के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है। जैन समाज ने रांची में 3 जनवरी को मौन जुलूस निकाला। इस जुलूस में श्वेताम्बर और दिगंबर समुदाय के लोग शामिल हुए। यह जुलूस जैन मंदिर से निकाला गया जो मेन रोड के शहीद चौक और फिर कचहरी होते हुए जाकिर हुसैन पार्क पहुंचेगा। इसके बाद जैन समाज का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर राजभवन पहुंचकर, वहां राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौप कर प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों से अवगत कराया।
मांस-मदिरा की खरीदी-बिक्री और सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंधित
जैन समाज का कहना है कि सम्मेद शिखर जैन धर्म का ही नहीं पूरे हिंदू सनातन धर्म के लिए तीर्थ स्थल है। झारखंड सरकार ने और केंद्र सरकार ने जोर से पर्यटन स्थल घोषित किया है उसे तत्काल वापस ले। जिस प्रकार काशी मथुरा उज्जैन द्वारका को तीर्थ स्थल क्षेत्र घोषित किया उसी तरह सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल क्षेत्र घोषित करे। 24 में से 20 तीर्थांकरों ने मोक्ष प्राप्त किया है। सम्मेद शिखर के आसपास के इलाके में मांस-मदिरा की खरीदी-बिक्री और सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
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शराब पीते युवक का वीडियो हुआ था वायरल
बता दें कि कुछ दिन पहले सम्मेद शिखर जी के आसपास शराब पीते युवक का वीडियो वायरल हुआ था। जैन धर्मावलम्बियों के इस पवित्र पवित्र तीर्थ स्थल पर मांस शराब का सेवन प्रतिबंधित है। वीडियों वायरल होने के बाद ही विवाद शुरू हुआ। जैन समाज के लोगों का कहना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद से जैन धर्म का पालन नहीं करने वाले लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। यहां मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आ रहे है। जो सम्मेद शिखर जी तक गंदगी फैला रहे है। मौन जुलूस में पदम कुमार छाबड़ा, प्रदीप बाकलीवाल, सुभाष विनायक्या, पंकज कुमार पांड्या, प्रमोद कुमार झांझरी, सुनील कुमार सेठी सहित अन्य शामिल थे।