[Team insider] चर्चित चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। आज की सुनवाई ने कोर्ट ने लालू को जमानत नहीं मिली। यह लगातार दूसरी बार है जब जमानत पर उन्हें झारखंड हाईकोर्ट से मायूसी हाथ लगी है। यानी इस बार लालू यादव अपने परिवार और समर्थकों के बीच होली नहीं मना पाएंगे।
जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सीबीआई लालू की जमानत याचिका पर जवाब देना चाहती है तो कोर्ट में दाखिल कर सकती है। इस मामले की सुनवाई 31 मार्च तक टाल दी गई है। कोर्ट एक अप्रैल को अगली सुनवाई करेगी।
इस वजह से मिल सकती है जमानत
दरअसल, इसी साल चार मार्च को लालू प्रसाद यादव की तरफ से जमानत याचिका लगाई गई थी। लेकिन कुछ गलतियों के कारण उन्हें दोबारा से याचिका दाखिल करना पड़ा। यही कारण है कि याचिका पर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाते हुए 11 मार्च तय की गई थी। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में इसकी सुनावाई हुई। लालू यादव के वकील देवर्षि मंडल का कहना है कि लालू प्रसाद अपनी आधी सजा जेल में गुजार चुके हैं। इसके अलावा वह इस समय बढ़ती उम्र के कारण 17 प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसलिए उन्हें जमानत देने की याचिका लगाई गई है और उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही कोर्ट से उन्हें जमानत मिल भी जाएगी।
21 फरवरी को सुनाई गई थी सजा
बता दें कि डोरंडा कोषागार से कुल 139.35 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। करीब 25 साल तक इस मामले की CBI की विशेष अदालत में सुनवाई चली। 14 फरवरी को अदालत ने इस मामले में लालू यादव को दोषी ठहराया। इसके बाद 21 फरवरी को उन्हें पांच साल जेल और 60 लाख का जुर्माना लगाया गया। बता दें कि लालू यादव को चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के दो मामलों में जमानत मिल चुकी है। इसी तरह देवघर और दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में भी जमानत मिल चुकी है।