[Team insider] चारा घोटाले मामले में आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किल फिर बढ़ सकती है। दरअसल सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में 15 फरवरी को सजा सुनाएगी। यह मामला राजधानी जिले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा है। डोरंडा कोषागार मामले में 176 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट की गई थी। इसके बाद सीबीआई की ओर से 14 साल तक सबूत पेश किया गया, 16 मई 2019 को साक्ष्य पेश करने का काम बंद हुआ। इसके बाद आरोपियों के बयान 16 जनवरी 2020 को दर्ज किए गए, फिर 26 फरवरी 2021 को बचाव पक्ष की गवाही पूरी हुई।
लगभग 26 साल तक चली सुनवाई
अभियोजन पक्ष की बहस 7 अगस्त 2021 को खत्म हुई, इसके बाद आरोपियों की ओर से बहस हो रही थी, तो शनिवार को खत्म हो गई। इसके साथ ही लगभग 26 साल तक चली सुनवाई में आरोपियों की संख्या घटकर 102 रह गई है। बता दें कि रांची स्थित सीबीआई कोर्ट में लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाला के बाद केस दर्ज किए गए थे इसमें चार में फैसला आ चुका है। सभी मामले में सजा सुनाई गई है।
पांचवें और अंतिम केस में फैसला आना बाकी
अब पांचवें और अंतिम केस में फैसला आना बाकी है 15 फरवरी को अदालत इस पर अपना फैसला सुनाएगी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस के शशि ने इस मामले में फैसला सुनाने के लिए 15 फरवरी की तारीख निर्धारित की है।
55 आरोपियों की हो चुकी है मौत
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि फैसले के दिन सभी आरोपियों को अदालत में निजी तौर पर उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। चारा घोटाले में डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में प्रारंभ में 170 आरोपी बनाए गए थे। इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो गई। मामले में सात लोगों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बनाया। वहीं, छह आरोपी अब भी फरार हैं।