हूल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को साहिबगंज के पंचकठिया पहुंचे, जहां पर उन्होंने वीर नायक सिदो-कान्हू की प्रतिमा का उद्घाटन किया। वहीं सीएम हेमंत सोरेन ट्वीट कर वीर शहीद सिदो-कान्हू को नमन किया। ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि ‘अंग्रेज और महाजनों के शोषण के खिलाफ विद्रोह करने वाले हूल क्रांति के महानयक सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो समेत हजारों वीर शहीदों की शहादत को नमन करने का दिन है। उन्होंने अबुआ दिसोम, आबुआ राज और आबुआ शासन, हूल जोहार!’
गौरव गाथाएं सदैव भावी पीढ़ियों प्रेरित करती रहेंगी: राज्यपाल
राज्यपाल रमेश बैस ने गुरुवार को राजभवन में हूल क्रान्ति के महानायक सिदो-कान्हू के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर राज्यपाल ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह के प्रतीक “हूल दिवस” पर सिदो-कान्हू, चांद-भरैव, फूलो-झानो समेत सभी वीर शहीदों को नमन किया। राज्यपाल ने कहा कि इनकी गौरव गाथाएं सदैव भावी पीढ़ियों को शोषण व अत्याचार के विरुद्ध आवाज बुलंद करने एवं मातृभूमि की सेवा के प्रति प्रेरित करती रहेंगी।
हूल दिवस पर सिदो-कान्हू को दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने किया नमन
झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने रांची स्थित सिदो-कान्हू पार्क में सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मौके पर राज्यसभा सांसद महुआ माजी, पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद पांडेय और अन्य नेताओं ने वीर नायक सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित की।
झारखंड कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की और मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने सिदो-कान्हू पार्क में सिदो-कान्हू के प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित किए। बंधु तिर्की ने कहा कि यह एक क्रांति का मिसाल है और हुल विद्रोह जिस तेवर के साथ जिन लोगों ने जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए लड़ा। उन सभी महापुरुषों को नमन करते हैं। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि जो क्रांति उस वक्त हुई है वो क्रांति की जरूरत आज भी है।