रामगढ़ विधानसभा में उपचुनाव के आसार नजर आने लगे हैं। दरअसल रामगढ़ की विधायक ममता देवी दोषी करार दी गई हैं। हालांकि कितनी सजा होगी इसका फैसला 12 दिसंबर को होना है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में कयासों का बाजार गर्म हो गया है। विधायक ममता देवी को 2 साल से सजा अधिक होती है तो उसकी विधायकी पर प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। हालांकि न्यायालय ने जितनी भी धाराएं ममता देवी पर लगायी गयी थीं, उनमें उन्हें दोषी माना है। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि न्यायालय इन्हें लंबी सजा देगा। वहीं अगर ममता देवी की विधायकी खत्म होती है तो फिर रामगढ़ विधानसभा में फिर उपचुनाव होना तय है। ऐसे में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है।
हालांकि ममता देवी की पति और समाजसेवी बजरंग महतो पर भी कांग्रेस दांव खेल सकती है। जानकार बतातें हैं कि ममता देवी के चुनाव मैदान में नहीं रहने से कांग्रेस की राह आसान नहीं होगी। स्थानीय लोगों में इस फैसले को लेकर प्रतिक्रिया भी देखी जा रही है। जहां एक ओर ममता देवी के प्रति सहनुभूति रखने वाले मतदाता भी हैं तो वहीं दूसरी ओर आजसू के समर्थकों खुशी की लहर है।
ममता देवी ने सुनीता चौधरी को हराया था
वहीं 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में रामगढ़ विधानसभा से दूसरे नंबर पर रहे आजसू पार्टी से गिरिडीह लोकसभा के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी अपनी पत्नी को फिर से इस उप चुनाव के लिए खड़ा कर सकते हैं। बता दें कि 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी को ममता देवी ने 28718 मतों से हराया था।
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बंधु तिर्की की जा चुकी है सदस्यता
बता दें कि इससे पहले झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की की सदस्यता जा चुकी है। मांडर विधायक बंधु तिर्की को आय से अधिक संपत्ति के मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी और उनकी विधायकी चली गई थी। हालांकि उप चुनाव में उनकी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की ने जीत हासिल की थी और उस सीट कांग्रेस के पास बरकरार रही।