[Team insider] गांधीजी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर अंग्रेजों से भारत को आजाद कराने की सीख दी। अपने जीवनकाल में अपने विचारों और सिद्धांतों के कारण चर्चित रहे मोहन दास करमचंद गांधी का नाम दुनियाभर में सम्मान से लिया जाता है। एक पिता की तरह लड़ाई झगड़े और खून खराबे से दूर रहने और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए।
अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश को दिलाई आज़ादी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर सर्वोदय आश्रम(तिरिल, धुर्वा) स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन श्रद्धासुमन अर्पित की। राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि देश की आजादी के लिए कई आंदोलन हुए , लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्य एवं अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश को आज़ादी दिलाई। बापू ने सत्य एवं अहिंसा के रास्ते पर चलने का मंत्र पूरा विश्व को दिया । उन्होंने कहा कि आज हम खुले आसमां में सांस ले रहे हैं, इसमें बापू का सबसे अहम योगदान है।
समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। इसकी प्रेरणा बापू ने देशवासियों को दी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बदौलत दुनिया का सबसे मजबूत लोकतंत्र वाला देश भारत है। ऐसे महापुरुषों का मार्गदर्शन निश्चित रूप से किसी भी राष्ट्र के लिए वरदान होता है। आज हम सभी बापू को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन कर रहे हैं।
शाम प्रार्थना के दौरान गोडसे ने गांधीजी को गोली मार दी थी
आजादी के कुछ महीनों बाद 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी का निधन हो गया। उस शाम प्रार्थना के दौरान बिड़ला हाउस में गांधी स्मृति में नाथूराम गोडसे ने गांधीजी को गोली मार दी थी। ये दिन इतिहास में गांधीजी की पुण्यतिथि के तौर पर हमेशा के लिए दर्ज हो गया।