1000 करोड रुपए के अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी पंकज मिश्रा को आज सीआईपी शिफ्ट कर दिया गया। रिम्स से 30 नवंबर को ही पंकज मिश्रा को डिस्चार्ज किया गया था। लेकिन पंकज मिश्रा सीआइपी के नशामुक्ति केंद्र में इलाज नहीं कराना चाहते थे। रिम्स मेडिकल बोर्ड की सलाह पर बुधवार को रांची पुलिस रिम्स के पेइंग वार्ड पहुंची और पंकज मिश्रा से सीआइपी स्थित नशा मुक्ति केंद्र चलने को कहा, तो उसने जाने से इनकार कर दिया था।
कई नशीली दवाएं लेने के आदि रह चुके हैं
मालूम हो कि पंकज मिश्रा कई नशीली दवाएं लेने के आदि रह चुके हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खास करके उनके इलाज कर रहे डॉक्टरों को परेशानी हो रही है जिसके बाद मेडिकल बोर्ड ने यह निर्णय लिया है।
इसे भी पढ़ें : Ranchi: लालू यादव के किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन शुरू, रजरप्पा मंदिर में मांगी जा रही है दुआएं
रिम्स में भर्ती के बाद कई विवादों में रहे पंकज
रिम्स में भर्ती होने के बाद पंकज मिश्रा कई बार विवादों में भी रह चुके हैं। ईडी को छानबीन में पता चला है कि रिम्स में इलाजरत रहने के दौरान पंकज मिश्रा ने जेल मैनुअल की खुलकर धज्जियां उड़ाई और 27 जुलाई के बाद उसने विभिन्न व्यक्तियों से 300 बार बातचीत की।
गौरतलब है कि इडी ने 19 जुलाई 2022 को पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद ही उसकी तबीयत खराब हो गयी थी। तब से वह रिम्स में है. 26 नवंबर को उसकी जमानत भी खारिज हो चुकी है। इडी ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉउंड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा पर चार जून को केस दर्ज किया था। उसके खिलाफ साहिबगंज जिला के बरहरवा थाना में वर्ष 2020 में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।