[Team insider] धनबाद बोकारो समेत पूरे झारखंड में भाषा विवाद पर सुबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के तेवर तल्ख दिखे। उन्होंने कहा कि वह किसी भी हाल में मातृभाषा हिंदी और मां भारती के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे। जिन्होंने इसे हटाने का काम किया है। वह सुन ले मैं डंके की चोट पर कह रहा हूं,जिस दिन मातृभाषा और मां भारती से समझौता करना होगा। उस दिन वह इस्तीफा देना मंजूर करेंगे।
सरकार कमाने से फुर्सत नहीं है: बाबूलाल
इस बयान पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाषा को लेकर राज्य में हंगामा हो रहा है, वह सरकार द्वारा प्रायोजित है। हमने बार-बार कहा है कि सरकार को भाषा पर कोई स्पष्ट नीति बनानी चाहिए, पर सरकार कोई नीति बनाती नहीं है और उनको कोई रुचि नहीं है। कमाने से फुर्सत नहीं है मिलता है, इसलिए अपनी नाकामी को छुपाने के लिए समाज को कैसे लड़ाया जा सकता है, इसका बेहतर उदाहरण उदाहर हेमंत सोरेन है।
जमीन लूटने में उनके लोग लगे हुए हैं
कोयला कोयला लूट लोहा बालू लूट रहा है। जमीन लूटने में उनके लोग लगे हुए हैं। 2019 के चुनाव से पहले से उन्होंने नौजवानों से वादा किया था और चुनाव के बाद जब सत्ता में आए तो उन्होंने जवानों को क्या कहा था, हम रोजगार देंगे रोजगार नहीं तो भत्ता देंगे। 2 साल तक कुछ किया नहीं, अब नौजवान प्रश्न पूछे नहीं। इसलिए समस्या को पैदा कर दिया है। आपस में लड़ा रहे हैं और आराम से मजा ले रहे हैं और कुछ नहीं है।
बन्ना गुप्ता के दिए बयान पर बचते नजर आए कांग्रेस के नेता
वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बन्ना गुप्ता के दिए बयान पर बचते नजर आए और उन्होंने कहा कि मैं अपनी बातें रखुंगा, अपनी डिपार्टमेंट की बातों को कहूंगा। वहीं उन्होंने कहा हमेशा सच्चे सिपाही के नाते कांग्रेस की सेवा करूंगा, गठबंधन धर्म का पालन करूंगा। अपने सीनियर लीडर का जो भी आदेश होगा उसका अनुपालन करूंगा।
वहीं कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की भी बन्ना गुप्ता के बयान पर भी बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि यह उनकी बातें हैं और उनको अवसर मिला तो उन्होंने अपने भावनाओं को व्यक्त किया है।
वही गठबंधन में अब प्रेशर पॉलिटिक्स दिख रहा है। इस पर बंधु तिर्की ने कहा कि सरकार को करना होगा और जब बात जमीन और विस्थापन जैसे मामला से जुड़ा हो।
मुसलमानों की एक बड़ी आबादी सदैव कांग्रेस के साथ रही है
कांग्रेस के तीन चिंतन शिविर के बाद कई मुद्दों को लेकर बुधवार को झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष सह विधायक बंधु तिर्की ने कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री का ध्यान दिलाया है। वहीं संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बंधु तिर्की ने कहा कि झारखण्ड राज्य के अल्पसंख्यक विशेष कर मुसलमानों की एक बड़ी आबादी सदैव कांग्रेस के साथ रही है। वर्तमान में कांग्रेस समर्थित महागठबंधन की सरकार बनवाने में इनकी भूमिका अहम रही है।
झारखण्ड प्रदेश जल, जंगल एवं जमीन पर आधारित है
झारखण्ड राज्य विस्थापित और प्रभावित आयोग का गठन कर राज्य भर के विभिन्न योजनाओं से विस्थापित हुए लोगों के मानवाधिकार और संवैधानिक अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए। झारखण्ड प्रदेश जल, जंगल एवं जमीन पर आधारित है। प्रदेश के लोग लम्बे समय से विस्थापन का दंश झेल रहे हैं। 22 लाख एकड़ जमीन उद्योग, खनन, डैम, जलाशय एवं अन्य योजना में अधिग्रहित कर ली गयी है। 25 लाख लोग विस्थापित हुए हैं तथा अभी तक विस्थापितों को मुआवजा नहीं मिला और न ही पुनर्वास की कोई योजना बनी है।