झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के विधायकों ने वेल में आकर हंगामा किया। पहले दिन स्पीकर के आसन पर बैठते ही विपक्ष के विधायक वेल में आकर रबिता पहाड़िया हत्याकांड मामले को लेकर हंगामा करने लगे। विपक्ष लगातार रबिता पहाड़िया के हत्यारे को फांसी देने की मांग करते रहे। विपक्ष के हंगामे के बीच ही स्पीकर ने अपना प्रारंभिक वक्तव्य दिया।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में सदन सर्वोपरि है : स्पीकर
अपने प्रारंभिक वक्तव्य में स्पीकर रविन्द्र नाथ महतो ने कहा कि पांच दिनों के सत्र में सरकार सदन में द्वितीय अनुपूरक बजट लाएगी। इसके अलावा प्रश्नकाल और गैर सरकारी संकल्प आएगा। कहा कि यह सच है कि सत्र छोटा है लेकिन यह कई मामले में महत्वपूर्ण है। इस छोटे सत्र में आप जनहित के मुद्दे उठा सकते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सदन सर्वोपरि है और जनहित के लिए एक ऐसा मजबूत मंच है जिसमें सदस्य लोगों की समस्याओं का निदान सरकार से करा सकते हैं। उन्होंने गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनी गई सरकार को सदन में माध्यम से शुभकामनाएं दीं।
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स्पीकर ने कार्यमंत्रणा समिति का गठन किया
स्पीकर ने वर्तमान सत्र के लिए कार्यमंत्रणा समिति का गठन किया। समिति में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, सीपी सिंह, सुदेश महतो और सरयू राय को सदस्य बनाया गया है। विशेष आमंत्रित सदस्यों में चम्पई सोरेन, रामेश्वर उरांव, नलिन सोरेन, स्टीफन मरांडी, लोबिन हेम्ब्रेम, नीलकंठ सिंह मुंडा, प्रदीप यादव, सरफराज अहमद, रामचंद्र चंद्रवंशी, अपर्णा सेन गुप्ता, बिनोद सिंह, कमलेश सिंह और पूर्णिमा नीरज सिंह को रखा गया है।