मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी मामले में शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस एसएम प्रसाद की बेंच में सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश पक्ष रखा और सीएम हेमंत सोरेन की ओर से अमृतांश वत्स सुनवाई में शामिल हैं। मालूम हो कि सरकार व सीएम की ओर से सुनवाई रोकने की मांग की जा रही है। बेंच ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही किसी फैसले तक पहुंचेंगे। इसके साथ ही सुनवाई की अगली तारीख 23 जून को मुकर्रर की है।
पहले भी की थी सुनवाई टालने की मांग
इसके पहले बीते बुधवार को राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में आइए दायर किया गया। जिसमे सुनवाई टालने की मांग की।थी। लेकिन कोर्ट ने इससे इंकार कर दिया था। बता दें पूर्व की सुनवाई में भी राज्य सरकार की ओर से सुनवाई टालने की मांग की गयी है। लेकिन कोर्ट ने इससे सिरे से खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखा है।
हाईकोर्ट ने इस याचिका को सुनने योग्य करार दिया है
पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा था कि हाईकोर्ट ने इस याचिका को सुनने योग्य करार दिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग ने कहा है कि मामला हाईकोर्ट में लंबित है। इस लिए मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करनी चाहिए। अगर 727/22 में कोई आपत्ति नहीं है तो आगे बढ़ने में क्या परेशानी है। महाधिवक्ता ने कहा था कि मामले की सुनवाई हाइब्रिड मोड में किया जाये। जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा था कि फ़िज़िकल सुनवाई में क्या परेशानी थी।