पंकज मिश्रा की ओर से प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा के खिलाफ खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि ईडी कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने से जुड़ी अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई हुई जिसमें यह फैसला सुनाया गया। जिसके बाद अवैध खनन और टेंडर मैनेज करने के आरोपी पंकज मिश्रा को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पंकज मिश्रा ने ईडी के सहायक डायरेक्टर के खिलाफ कंप्लेंट केस दर्ज करने की गुहार लगाई थी। जिसमें उन्होंने गंभीर आरोप लगाया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी ने बरहड़वा टेंडर केस से जुड़े तथ्यों को नजरअंदाज किया है। उन्होंने पीएमएलए कोर्ट को यह भी बताया है कि झारखंड पुलिस ने साहिबगंज जिले के बरहड़वा टोल प्लाजा टेंडर केस उन्हें क्लीन चिट दे दी है।
याचिका पर दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई
कोर्ट में पंकज मिश्रा की याचिका पर दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई। जिसमें अदालत ने दोनों पक्षों की बसह को सुनाने बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत में सुनवाई के दौरान पंकज मिश्रा की ओर से बहस कर रहे अधिवक्ता ने कहा कि एजेंसी के अधिकारियों ने तथ्य छुपाए हैं। जबकि, ईडी के अधिवक्ता ने पंकज मिश्रा की याचिका की मेंटीबिलटी पर सवाल उठाया था। इस दौरान ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक आतिश कुमार ने पक्ष रखा। वहीं, पंकज मिश्रा की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा और अधिवक्ता राजेश कुमार ने पक्ष रखा।
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3 दिसंबर को याचिका दाखिल की थी
पंकज मिश्रा ने ईडी पर मामले में चार्जशीट दाखिल करते समय मूल मामले को छुपाने का आरोप लगाते हुए बीते 3 दिसंबर को याचिका दाखिल की थी। बता दें कि ईडी ने पंकज मिश्रा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ही मनी लाउंड्रिंग की जांच प्रारंभ की है। मामले में पंकज मिश्रा 19 जुलाई 2022 से जेल में है। उसके खिलाफ ईडी चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। जिसमें 1000 करोड़ रुपये से अधिक का मनी लाउंड्रिंग का आरोप पाया गया है।