[Team Insider] सिमडेगा मोब लिंचिंग मामले को लेकर मृतक संजू प्रधान की पत्नी ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर सीबीआई जांच की मांग की है। इससे पहले राज्य की प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर सीबीआई जांच की मांग की है।
राज्यपाल से मृतक की पत्नी ने लगाई गुहार
मृतक संजू प्रधान की पत्नी सपना कुमारी ने राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में पूरी घटनाक्रम की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि 4 जनवरी को दोपहर 1:30 बजे उनके घर बम्बलकेरा के ग्राम प्रधान सुबन बुढ़, ग्राम सचिव नेल्सन बुढ़, मार्शल मुंडा की अगवाई में लगभग 500 लोगों की भीड़ ने उनके घर आकर घटनाक्रम को अंजाम दिया।
कोलेबिरा विधायक ने लोगों को भड़काया
उन्होंने बताया है कि 28 दिसंबर 2021 को कोलेबिरा विधानसभा के विधायक नमन विक्सल कौनगाड़ी की अध्यक्षता में बम्बलकेरा ग्राम में खूंट कटी स्थापना दिवस मनाने के नाम पर जल जंगल जमीन के रक्षा के नाम पर लोगों को भड़काया गया था। जिसकी प्रतिक्रिया के रूप में 4 जनवरी 2022 को बम्बलकेरा में एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में ग्रामीणों की उपस्थिति नहीं होने पर 500 रुपये का आर्थिक दंड लगाने की घोषणा ग्राम प्रधान के द्वारा की गई। वही ग्राम सभा के आयोजन करने के बाद ग्राम सभा के अध्यक्ष के नेतृत्व में लगभग 500 लोगों की भीड़ उनके घर पहुंची।
ग्राम प्रधान ने संजू को घर से खींच कर निकाला
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने संजू प्रधान को घर से खींच कर निकाला और कुछ दूर दूर ले जाकर उनके साथ मारपीट करने लगे। उन्हें पत्थर और लाठी डंडे से पीट कर अधमरा कर दिया गया। इतने में भी जब भीड़ नहीं मानी तो उन्होंने घटनास्थल पर घर के जलावन को चीता की तरह बनाकर अधूरे संजू को जलते चीता में फेंक दिया।
मुकदर्शक बनी रही पुलिस
उन्होंने बताया कि उनके और उनकी सास के द्वारा बचाव करने का प्रयास किया गया। लेकिन उन्हें भी पीटा गया और उनकी मां को आग में धकेलने का प्रयास किया गया।उन्होंने बताया कि इस घटनाक्रम के दौरान भीड़ के साथ पुलिस प्रशासन भी मौजूद थी। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अपने आप को बचाते हुए ठेठईटांगर थाना प्रभारी इंद्रेश कुमार के समक्ष पैर पकड़ कर अपने पति की जान की रक्षा करने के लिए गिड़गिड़ाया गया। लेकिन उनके द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। वह मूकदर्शक बनकर घटनास्थल पर घटनाक्रम का वीडियो बनाते रहे।
सादे कागज पर करवाया जबरन हस्ताक्षर
उन्होंने बताया कि घटनाक्रम के बाद उनसे बेसुध अवस्था में पुलिस प्रशासन के द्वारा कुछ सादे कागज पर जबरन हस्ताक्षर भी कराया गया। भीड़ के द्वारा पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी गई। उनके पति के मोबाइल को भी छीन लिया गया था। उन्होंने बताया है कि उनके और उनकी सास के साथ मारपीट की गई। जिसके कारण उनके 2 महीने का गर्भ भी नष्ट हो गया। इसको लेकर वह कोलेबिरा अस्पताल गई थी। जहां से उन्हें सिमडेगा सदर अस्पताल भेजा गया। जहां इलाज कराया गया।
पुलिस पर नहीं है भरोसा
उन्होंने राज्यपाल से गुहार लगाते हुए इस पूरे घटनाक्रम की सीबीआई जांच की मांग की है। क्योंकि पुलिस की भूमिका पर उन्हें भरोसा नहीं है। उन्होंने यह भी बताया है कि पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज किया है। उसमें उनके रिश्तेदारों को ही अभियुक्त बना कर इस केस को दूसरा रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।