[Team insider] झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में लोहरदगा विधानसभा सीट के लिए सुखदेव भगत ने भारतीय जनता पार्टी के तरफ चुनाव लड़े थे। वहीं उनके खिलाफ कांग्रेस की तरफ से रामेश्वर उरांव ने चुनाव लड़े थे और जीतकर विधायक बने थे। वहीं इस चुनाव के दौरान सुखदेव भगत ने रामेश्वर उरांव पर भ्रष्ट आचरण अपना कर, जीत दर्ज करने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि मंत्री नॉमिनेशन के समय कई तथ्य छुपाए, जो कि गलत है। इसे लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, वहीं रामेश्वर उरांव की ओर से जवाब दायर करने के लिए समय देने के आग्रह को भी स्वीकार कर लिया गया है और अदालत ने 4 हफ्ते का समय प्रदान किया है।
प्रतिवादी के निर्वाचन को निरस्त करने का किया आग्रह
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता चंद्रजीत मुखर्जी ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि प्रतिवादी में चुनाव में नामांकन के समय झूठा शपथ पत्र दिया था। प्रतिवादी ने अपने शपथ पत्र में तथ्यों को छुपाया है और उनके खिलाफ मामले दर्ज हैं, लेकिन उन्होंने इसका कोई जिक्र नहीं किया है, उन्होंने प्रतिवादी के निर्वाचन को निरस्त करने का आग्रह किया। प्रतिवादी ने प्रार्थी के पक्ष में विरोध करते हुए जवाब दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया। उधर लोहरदगा के जिला निर्वाचन अधिकारी ने पीटशन दायर कर स्ट्रांग रूम में रखे गए को रिलीज करने की अनुमति देने का आग्रह किया है।
सुखदेव भगत की रामेश्वर उरांव से रही है प्रतिद्वंदिता
वहीं आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद सुखदेव भगत की कांग्रेस में पुनः वापसी हुई। बता दें कि सुखदेव भगत की शुरू से ही झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से प्रतिद्वंदिता रही है। कांग्रेस में आने के बाद इन नेताओं का संबंध कैसा होगा, इस पर भी सब की निगाह टिकी हुई है। कांग्रेस को झारखंड में इन दोनों नेताओं से मजबूती मिलने की उम्मीद है। फिलहाल दोनों ही अब एक ही पार्टी में है। ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि इस पर क्या नतीजा निकल कर सामने आता है।