राजधानी रांची के मेन रोड में 10 जून को हुई हिंसा के बाद पुलिस पूरी तरह चौकस है। बता दें कि बकरीद और सावन माह को लेकर पुलिस किसी भी तरह की जोखिम नहीं उठाना चाह रही है। 10 जून को हुई हिंसा का से सबक लेते हुए पुलिस इस कोशिश में जुटी हुई है कि बकरीद और सावन माह में किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो। इसे लेकर पुलिस खुद को तैयार करने में जुटी हुई है।
उपद्रवियों से निपटने के लिए किया गया मॉक ड्रिल
शुक्रवार को इसे लेकर मॉक ड्रिल किया गया। एसएसपी सुरेद्र झा निर्देशन में पुलिस लाइन में मॉकड्रिल किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान कांके रोड स्थित न्यू पुलिस लाइन में आयोजित किया गया। इस दौरान उपद्रवियों से निपटने के लिए पत्थरबाजी, लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले, पानी की बौछार सहित गोलियां चलाई गई, जिसमें उपद्रवियों से निपटने के लिए सारा आयोजन किया गया।
पुलिस-प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाए
घायलों को अस्पताल भेजने, उपद्रवियों को गिरफ्तार करने, अनाउंसमेंट, लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले, पानी की बौछार छोड़ने, गोलियां छोड़ने, लाठी चार्ज करने, उपद्रवियों की ओर से पत्थरबाजी से बचने का अभ्यास करवाया गया। साथ ही एसएसपी ने आपात स्थित में कैसे फायरिंग की जाती है इसकी भी जानकारी जवानों को दी। इस दौरान पुलिसकर्मी ही उपद्रवी बने थे। उन्होंने पुलिस-प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाए।
मॉकड्रिल एक रेगुलर प्रक्रिया है
पुलिस के अधिकारी ही मजिस्ट्रेट और अधिकारी बनकर निर्देश देते हुए नजर आए। इस दौरान ऐसा लग रहा था, मानो पूरा क्षेत्र हुड़दंगियों के कब्जे में है और पुलिस इससे निपटने की कोशिश कर रही है। मॉकड्रिल के दौरान जवानों को बताया गया कि अगर स्थिति बिगड़ती है और लोग घायल होते हैं तो उन्हें कैसे भीड़ से निकालकर हॉस्पिटल पहुंचाना हैं। इस दौरान सार्जेट अभिनव पाठक जवानों को जानकारी दे रहे थे। एसएसपी सुरेद्र झा ने बताया कि मॉकड्रिल एक रेगुलर प्रक्रिया है। हमारे पास जो भी वैपन हैं उसका अभ्यास करवाया गया। आपात स्थिति में कैसे काम करना हैं। इसका अभ्यास पुलिस के जवानों को करवाया गया।