पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप को डमी हथियार दिखाकर ठगने वाले सात आरोपियों की मुश्किलें बढ़ेंगी। मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत ईडी आरोपियों से पूछताछ करेगी। उनमें से अमिर चंद, उज्जवल साह,आर्य कुमार सिंह, निवेश कुमार, प्रवीण कुमार, सुभाष पासवान और उसकी पार्टनर अंजली पटेल से पूछताछ होगी। मामले में इन आरोपियों को सम्मन भेजा गया है, फिलहाल सभी आरोपी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में ही बंद है। बता दें की इन आरोपियों के पास से लाखों रूप बरामद हुए थे। वहीं आरोपियों के पास से कई डमी हथियार मिले थे। पुलिस जांच में ये पैसे पीएलएफआई सुप्रीमो के द्वारा आरोपियों को दिए गए थे।
जनवरी महीने में पुलिस ने गिरफ्तार किया था
रांची पुलिस ने निवेश कुमार समेत उसके अन्य सहयोगियों को 2022 के जनवरी महीने में गिरफ्तार किया था। छापेमारी के दौरान पुलिस ने उसके घर से ठगी के 61।31 लाख रूपया, 07 देसी पिस्टल व 115 कारतूस बरामद किया था। निवेश ने पूछताछ में स्वीकार किया था कि उसके आवास से बरामद पैसे ठगी के है। इसके अलावे उसके पास से पुलिस ने एक बीएमडब्ल्यू कार, एक थार, एक एमजी हेक्टर, एक जाइलो और महिंद्रा एसयूवी 500 पुलिस ने जब्त किया था।
नकली डमी हथियार मंगा सोशल मीडिया पर करता था अपलोड
निवेश ने पुलिस को बताया था कि वह चंडीगढ़ से नकली डमी हथियार मंगा उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करता था। फिर पीएलएफआई उग्रवादियों को भी वह नकली हथियार दिखा उनसे भी पैसे की ठगी कर चुका है। जब वह पूर्व में होटवार जेल में बंद था उस दौरान उसकी मुलाकात रोहित साव से हुई थी। रोहित ने उसे बताया था की वह पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप और अवधेश जायसवाल उर्फ चूहा का करीबी है।
निवेश उन लोगो से वीडियो कॉल पर बात करता था
वीडियो कॉल पर निवेश उन लोगो से बात करता था। एक बार रोहित ने ही पीएलएफआई के उग्रवादियों से उसकी मुलाकात करायी थी। इसके बाद ही निवेश ने उन्हें डमी हथियार दिखा बोला था कि उन्हें अत्याधुनिक हथियार वह सप्लाई करेगा। इसके एवज में निवेश ने उनसे लाखों रुपए में ठगे थे। निवेश ने पुलिस को यह भी बताया था कि वह 2018 में दारोगा बहाली के नाम पर बिहार के आठ युवकों से 70 लाख रुपए की ठगी कर चुका है। इससे पहले उसने पिठौरिया में एक बुजुर्ग को पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर भी ठगा था। बुजुर्ग को पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर 32 लाख रुपए ठग लिए थे।