पूरे देश भर में महिलाएं और बहू बेटियां की सशक्तिकरण की बात कहीं जाती है। इसे लेकर सामाजिक और सरकार की ओर से समय-समय पर कार्यक्रम भी चलाए जाते रहे हैं। हमारे देश में मातृशक्ति का स्थान सर्वोपरि और पूजनीय माना जाता है, पर अभी वर्तमान समय में महिलाओं और बहन बेटियों पर लगातार किसी न किसी रूप से कुठाराघात होता दिख रहा है। इसका ताजा उदाहरण राजधानी रांची में देखने को मिला है। महज 15 वर्ष की एक बच्ची पिछले कई दिनों से लापता है।
प्रशासन की ओर से सिर्फ आश्वासन
लापता बच्ची की मां अपनी कि लापता होने के विषय में बताती है कि जिस दिन से मेरी बेटी लापता हुई है। उस दिन शाम के 6:00 बजे तक जब हम मेरी बेटी नहीं आई तो हम उसे खोजने निकले उसके बाद हम स्थानीय थाना में जाकर मामला को बताया। प्रशासन की ओर से हमें अभी तक सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। हम आग्रह करेंगे कि हमारी बेटी को जल्द से जल्द प्रशासन खोज निकाले। वहीं लापता हुई बच्ची के पिता ने बताया कि स्थानीय प्रशासन की ओर से हमें धीरे-धीरे काम होने की आश्वासन मिल रही है ऐसे में हमारी बेटी का मृत शरीर हमें मिलेगा क्या, ऐसा कहना है लापता बच्ची के पिता का है।
पूरे देश में हमारी बहने नहीं है सुरक्षित
झारखंड सहित पूरे देश भर में वर्तमान समय में इस प्रकार की घटित घटना को लेकर राजधानी रांची के समाजसेवी युवाओं ने बड़ा तालाब में काफी संख्या में जल सत्याग्रह किया। इस जल सत्याग्रह मे लापता बच्ची के परिजन भी शामिल रहे। जल सत्याग्रह में समाजसेवी भैरो सिंह ने सत्याग्रह के माध्यम से कहा कि पूरे देश भर में हमारी बहने सुरक्षित नहीं है। इस कारण हम लोग सांकेतिक रूप से जल सत्याग्रह कर रहे हैं, जिस प्रकार वर्तमान समय में बहनों की हत्या की जा रही है, जिससे हमारी बहनों को उनके परिवार के लोग स्कूल कॉलेज में भी भेजने से काफी भयभीत हैं। इस प्रकार की घटना को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से विनम्र आग्रह होगा कि कोई कुछ कदम उठाए।
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युवा मिलकर करेंगे चरणबद्ध आंदोलन
इस प्रकार के लव जिहाद वाले मानसिकता वाले लोगों को चिन्हित कर इस प्रकार की घटना घटित होने से रोके नहीं तो भविष्य में हम सामाजिक युवा मिलकर इस प्रकार की घटना को लेकर चरणबद्ध आंदोलनरत होंगे। वर्तमान समय में इस प्रकार की घटना लगातार देखने को मिल रही है और हमारी बहन बेटियां अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही हैं। यदि इस प्रकार की घटना को सामाजिक जागरूकता के साथ प्रशासनिक पहल से नहीं रोका गया, तो पूरे देश भर में इसका व्यापक असर सामाजिक और धार्मिक दुष्परिणाम देखने को मिल सकता है।