ईडी और केंद्रीय एजेंसियों की तेज होती घेराबंदी के बीच हेमन्त सरकार ने विद्युत नियामक आयोग से जुड़े 25 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की निगरानी विभाग से जांच कराने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि भाजपा पर दबाव बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को घेरने की तैयारी का नया मोर्चा है। दरअसल माइनिंग घोटाले को लेकर रघुवर दास ने प्रेसकांफ्रेंस कर हेमन्त और उनके करीबी लोगों के खिलाफ मोर्चा खोला था। बहरहाल मुख्यमंत्री ने निगरानी जांच का आदेश दे दिया है।
विद्युत नियामक आयोग के घोटाले की निगरानी जांच से संबंधी खबर सार्वजनिक
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र को ईडी ने मंगलवार को गिरफ्तार किया तो देर रात जनसंपर्क विभाग ने भी विद्युत नियामक आयोग के घोटाले की निगरानी जांच से संबंधी खबर सार्वजनिक कर दी। पूर्व खान सचिव झारखंड कैडर की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के बहाने माइनिंग घोटाला मामले में लगातार हेमन्त सरकार को घेरने की कार्रवाई चल रही है।
ईडी 36 करोड़ रुपये से अधिक की राशि कर चुकी है सीज
पूजा सिंघ के सीए और मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिध व उनके करीबी लोगों के खातों और नकद मिलाकर ईडी 36 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीज कर चुका है। वहीं तीन सौ सौ करोड़ से अधिक निवेश और जमीन-भवन से संबंधित दस्तावेज को जांच के घेरे में लिया है। माइनिंग घोटाला से जुड़े मामले में मनी लाउंड्रिंग के केस में पूजा सिंघल, उनके सीए सुमन कुमार के बाद पंकज मिश्र यानी तीसरी गिरफ्तारी ईडी ने की है। इसके जांच और लाभान्वित होने वालों का दायरा मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को बदनाम करने की हो रही है कोशिश
ईडी, चुनाव आयोग, केंद्रीय एजेंसियों और अदालत के दबाव के बीच राष्ट्रपति चुनाव में हेमन्त सोरेन की पार्टी झामुमो ने धारा के विपरीत भाजपा के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट करने का निर्णय किया तो यह कयास लगाया जाने लगा कि कुछ डील हो गया है। इसके बावजूद पंकज मिश्र के मोर्चे पर ईडी की सक्रियता के बाद झामुमो ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की। पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और सांसद विजय हांसदा ने ईडी पर भाजपा के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया। कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। बहरहाल हेमन्त सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र को गिरफ्तार किया गया तो हेमन्त सोरेन ने विद्युत नियामक आयोग के 25 हजार करोड़ के घोटाले की निगरानी से जांच करने का आदेश जारी कर दिया।
पच्चीस हजार करोड़ रुपये की सरकारी राशि की अनियमितता करने का आरोप
मुख्यमंत्री ने झारखंड विद्युत नियामग आयोग के पूर्व अध्यक्ष अरविंद कुमार, आयोग के सदस्य (अभियंत्रण) आरएन सिंह एवं गौरव बुधिया, प्रोपराईटर, मेसर्स बिहार फाउण्डरी एण्ड कास्टिंग के विरूद्ध निगरानी जांच कराने की स्वीकृति दे दी है। अरविंद प्रसाद एवं गौरव बुधिया, प्रोपराईटर, मेसर्स बिहार फाउण्डरी एण्ड कास्टिंग लि. के विरूद्ध पच्चीस हजार करोड़ रुपये की सरकारी राशि की अनियमितता करने का आरोप है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस घोटाला के बहाने पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को घेरने की तैयारी है। हालांकि मैनहर्ट घोटाला, चॉकलेट-टीशर्ट घोटाला, कंबल खरीद घोटाला आदि के माध्यम से पहले से रघुवर दास को घेरने की तैयारी चल रही है। दरअसल विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति रघुवर सरकार के शासन काल में जुलाई 2017 में हुई थी।
25 हजार करोड़ के घोटाले की जांच के बहाने रघुवर दास को घेरने की तैयारी
रघुवर दास के प्रधान सचिव रहे बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजय कुमार अरविंद प्रसाद के बहुत करीबी और उनसे वरीय अधिकारी थे। बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी रहे अरविंद प्रसाद ने 2012 में ही वीआरएस ले लिया था उसके बाद वे फिक्की में डीजी भी बने। हेमन्त सरकार के बनने के बाद जून 2020 में निजी कारणों के हवाले उन्होंने विद्युत नियामक आयोग से इस्तीफा दे दिया था। अरविंद प्रसाद पटना के डीएम, कार्मिक सचिव, केंद्र में कृषि सचिव सहित विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे। लालू प्रसाद के शासन के दौरान वे पटना के डीएम थे। मगर बाद में उन्होंने पाला बदल लिया। माना जा रहा है कि 25 हजार करोड़ के घोटाले की जांच के बहाने रघुवर दास को घेरने की तैयारी है। जांच के तार तो रघुवर दास तक जुड़ ही सकते हैं।