मोरहाबादी मैदान में सहियाकर्मियों ने आज हजारों की तादाद में जुटकर अपनी आवाज बुलन्द किया। दो हज़ार में दम नहीं बीस हजार से कम नहीं, भीख नहीं आधिकार चाहिए जीने का आधिकार चाहिए, सभी सहिया कर्मियों को स्थायीकरण करना होगा के जोरदार नारों के साथ मोरहाबादी मैदान से बड़ी संख्या में सहियाकर्मियों ने रैली निकाल कर स एम हाउस जाने की कोशिश की, जिसे पुनः मोरहाबादी की दिशा में मोड़कर मोरहाबादी मैदान में ही जोरदार प्रदर्शन और सभा किया।
झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया साथी संघ के बैनर तले आज धनबाद, बोकारो, देवघर, पाकुर, जामताड़ा, रांची, लोहरदहगा, जमशेदपुर जिले के सहियाकर्मियों मोरहाबादी के प्रर्दशन में शामिल हुए। सहिया, सहिया साथियों ने प्रतिमाह 20हजार मानदेय और स्थायीकरण की मांग पर अपनी आवाज़ बुलंद किया। जिसकी अध्यक्षता संघ की सचिव माया सिंह ने किया ने किया जबकि संचालन रूपा सिन्हा ने किया। वहीं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सहिया बहनों से मिलकर 15 दिनों का समय लिया।
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न्यूनतम मज़दूरी के लिए सड़कों पर प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण
मोरहाबादी में साहिया बहनों को विशाल सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि आज़ादी के 75 वर्षों के बाद भी देश में न्यूनतम मज़दूरी के लिए सड़कों पर प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र सरकार केंद्रीय योजनाओं के तहत कार्यरत कर्मीयों की कल्याण के बजाय कंपनियों कि सेवा में जुटी है। सहिया बहनों को भीख की तरह प्रोत्साहन नही देश के अन्य राज्यों की तरह बीस हजार रूपये मासिक मानदेय की सरकार गारंटी करें। इसे लागू करने में जो भी अडचने हो केंद्र और झारखंड की सरकार इसे दूर करें और फ्रंट लाइन वर्करों को बेहरत मानदेय और स्थाई की गारंटी करें वरना आन्दोलन तेज होगा।