रांची नगर निगम बड़े और गहरे नालों की सफाई के लिए 2 करोड़ की ड्रेन सक्शन मशीन खर्च कर खरीदी है। फिलहाल राजधानी के 53 वार्डों में 111 बड़े नाले और 323 छोटी नालियां हैं। कचरा उठाने से लेकर सड़क और नाली की सफाई के लिए रांची नगर निगम हर महीने करोड़ों रुपए खर्च करता है। इसके अलावा नालियों के लिए अलग से फंड खर्च करता हैं। लेकिन नालियों की प्रोपर सफाई नहीं हो पाती। राजधानी में कई नाले ऐसे हैं जिसमें सफाई कर्मी नहीं घुस पाते। इससे इनकी सफाई काफी मुश्किल होती है। ऐसे में यह मशीन कचड़ा निकालने में काफी मददगार साबित होगा। वहीं जाम नालियों को भी तत्काल खोला जा सकेगा। बताते चलें कि नगर निगम ने ड्रेन सक्सन मशीन खरीदने का प्रस्ताव बनाकर नगर विकास विभाग को भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई थी।
सक्शन मशीन से सफाई करने में जानमाल का भी खतरा नहीं
शहर में बड़े नालों और कवर्ड नालियों की सफाई करना आसान हो जाएगा। सक्शन मशीन से सफाई करने में जानमाल का भी खतरा नहीं होगा। ड्रेन सक्शन मशीन से नालियों की सफाई हो जाएगी। वहीं छोटे नालियों की सफाई तो मैन पावर का इस्तेमाल किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर इस मशीन की मदद छोटी नालियों की सफाई के लिए ली जाएगी। चूंकि बड़े नाले और कवर्ड ड्रेनों की सफाई मैनुअली नहीं हो पाती थी। इसके लिए मजदूरों को नालियों में उतरना होता था। जिससे कि मजदूर खतरा महसूस करते थे। इस वजह से नालियां जाम रहती थी।
राजधानी को स्मार्ट सिटी का मिला है दर्जा
राजधानी को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला है। ऐसे में जाहिर है कि सरकार से लेकर अधिकारियों की नजर शहर को चमकाने की है। इस काम के लिए जनता के करोड़ों रुपए फूंक दिए जाते है। निगम एरिया के 53 वार्डों में केवल नालियों की सफाई पर हर माह करीब 1।50 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। इससे समझा जा सकता है कि साल में लगभग 18 करोड़ का खर्च केवल नालियों की सफाई पर होता है। अब मशीन के आने से इसमें बचत होगी और निगम राजस्व के पैसे का इस्तेमाल दूसरे कार्यों में कर सकेगा।
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हर जोन में 10-10 बड़े नाले बनाने की योजना
नई योजना के तहत शहर को 7 जोन में बांटकर बड़े और छोटे नाले बनाने की योजना तैयार की गई है। जिसके तहत हर जोन में 10-10 बड़े नाले बनाने की योजना है। हर जोन में छोटी नालियों का निर्माण कराया जाएगा। राजधानी की बात करें तो 70 बड़े नाले और 385 छोटी नालियां बनाई जाएगी। फिलहाल राजधानी के 53 वार्डों में 111 बड़े नाले और 323 छोटी नालियां हैं। वहीं कच्चे नालों का निगम के पास कोई हिसाब नहीं है।