रांची के पिठोरिया इलाके में उग्रवादी संगठन टीपीसी (तृतीय प्रस्तुति कमेटी) के नाम पर लेवी लेने पहुंचे दो उग्रवादियों को दबोच लिया गया है। पकड़े गए उग्रवादियों में मुन्ना उरांव और दीपक उरांव शामिल है। दोनों रातू इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार पिठोरिया इलाके के कोकदोरो गांव के रहने वाले ब्रिक्स व्यवसायी सह जमीन कारोबारी से लेवी लेने पहुंचे थे। पुलिस को इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जाल बिछाया और फिल्मी अंदाज में दबोच लिया।
जानकारी के अनुसार रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम को जानकारी मिलने के बाद पिठोरिया थाना प्रभारी रवि शंकर के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। इसके बाद पिठोरिया थाने की पुलिस ने खुद लेवी की रकम पहुंचाने के लिए पहुंची थी। इस दौरान पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों उग्रवादियों को दबोच लिया। इस मामले में ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया। ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया की पिठोरिया इलाके के कोकदोरो निवासी सफदर सुल्तान अंसारी पिता मजीद अंसारी से लेवी मांगी गई थी। उन्हें ब्रिक्स फैक्ट्री चलाने के लिए लेवी पांच लाख की मांग की गई थी।
पांच लाख की मांगी थी लेवी
जानकारी के अनुसार उग्रवादी संगठन टीपीसी के नाम पर जमीन कारोबारी को कॉल किया था। कॉल करने वाले ने खुद को टीपीसी का उग्रवादी पता कर पांच लाख लेवी की मांग की थी। नहीं देने पर या पुलिस को जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसकी जानकारी पुलिस को मिलने के बाद पिठोरिया थाना प्रभारी रविशंकर अपराधियों को पकड़ने के लिए जुट गए थे। इसके बाद जाल बिछाकर उग्रवादियों को दबोच लिया। पुलिस के अनुसार जिस सफदर सुल्तान अंसारी को कॉल किया गया था, उनका फ्लाई ब्रिक्स की फैक्ट्री चलती है। पिता मजीद अंसारी जमीन कारोबारी हैं।
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पकड़ने के बाद भी मिली धमकी
सूत्रों के अनुसार उग्रवादी जब दबोच लिए गए तब भी जमीन कारोबारी को कॉल किया गया और धमकी दी गई। कहा गया जिन्हें थाने ने पकड़ा है उन्हें थाने से छुड़ाओ वरना जान से हाथ धोना पड़ेगा।