शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन पहली पाली में 1932 पर सरकार के जवाब के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति सदन से पारित कर 9वीं अनुसूचि में डालने का प्रस्ताव पास कराकर राज्यपाल को भेज दिया गया है। विधि विभाग की जो भी शंका थी, उसे दूर करके ही भेजा गया है। अब यह काम केंद्र को करना है।
सरकार की ओर से दे दिया गया है जवाब
उन्होंने कहा कि विधि विभाग ने कहा है कि पार्लियामेंट के पास अधिकार है। लोक नियोजन में समानता का जो अधिकार है, उसमें संसद ही कुछ कर सकती है। 9वीं अनुसूची में शामिल होने के बाद राज्य में लागू हो जाएगा। इसपर भाजपा के विधायक और सवाल पूछना चाह रहे थे। सदन में चर्चा चाह रहे थे। जिसपर स्पीकर ने कहा कि सरकार की ओर से जवाब दे दिया गया है। चर्चा नहीं करा सकते हैं। जिसके बाद भाजपा के विधायक वेल में जाकर हंगामा करने लगे।
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अमित मंडल ने खतियानी जोहार यात्रा को लेकर पूछा था सवाल
दो दिन पहले सदन में भाजपा विधायक अमित मंडल ने पूछा था कि मीडिया के माध्यम से पता चला है कि विधि विभाग ने 1932 पर आपत्ति जताई है। इसके बाद भी सदन से पास कराया गया है. इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खतियानी जोहार यात्रा कर रहे हैं, क्या राज्य में 1932 आधारित स्थानीय नीति लागू हो गया है। जिसपर सदन से आश्वासन दिया गया था, कि इस सवाल का जवाब चलते सत्र में दे दिया जाएगा। आज आखिरी दिन भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंचि नारायण ने अमित मंडल के उस सवाल का जवाब मांगा। इसी के बाद हंगामा शुरू हुआ। जिसके कारण सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।