झारखंड विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सरकार के लिए उस समय असहज स्थिति उत्पन्न हो गई। जब झारखंड मुक्ति मोर्चा के लातेहार विधायक और राज्य सरकार के पूर्व मंत्री वैद्यनाथ राम सदन के बाहर धरने पर बैठ गए। अपने क्षेत्र के बालूमाथ इलाके में अस्पताल निर्माण में हो रहे व्यापक पैमाने पर धांधली और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनप्रतिनिधि का फर्ज निभाने की बात करते हुए उन्होंने साफ कहा कि सरकार में होना अलग बात है।
इसे भी पढ़ें: Ranchi: शीतकालीन सत्र, अंतिम दिन भी विपक्ष के लोगों ने किया हंगामा, भ्रष्टाचार में सरकार आकंठ डूबी हुई है: बाबूलाल
अस्पताल निर्माण के नाम पर करोड़ों का घोटाला
जिस तरह बालूमाथ जैसे उग्रवाद प्रभावित इलाके में अस्पताल निर्माण के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया है और स्वास्थ्य मंत्री से बार-बार बात करने के बावजूद किसी प्रकार संज्ञान नहीं लिया जा रहा है, ऐसे हालात में मेरे लिए इसके अलावा और कोई उपाय नहीं बचा था। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पैसे की बंदरबांट कर रहे हैं। उनके इलाके के इस अस्पताल को शुरू करवाने की दिशा में पहल नहीं कर रहे। यहां तक की उन्हीं की सरकार के स्वास्थ्य मंत्री भी जनता की आवाज सुनने को राजी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं माननीय अध्यक्ष महोदय से गुजारिश करूंगा कि इस विषय को देखें और जल्द से जल्द की समस्या का समाधान निकलवाए।