बिहार की राजनीति में रामचरितमानस वाले विवादित बयान ने खुब तूल पकड़ा था। विवाद सिर्फ बिहार तक ही सीमित नहीं रहा था बल्कि नेशल लेवल तक पहुंच गया था। विवादित बयान बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने दिया था। उनके बयान पर विवाद थोड़ा शांत पड़ा है। लेकिन एकबार फिर बिहार की राजनीति में रामचरितमानस की रीएंट्री करा दी गई है। इस बार भी ये काम राजद के विधायक ने ही किया है। राजद विधायक रीतलाल यादव का कहना है कि रामचरितमानस मस्जिद में बैठ कर लिखी गई थी। विपक्ष इस बयान का जमकर विरोध कर रहा है। वही अब शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर का भी बयान सामने आया है। जिसपर विवाद बढ़ाना तय है।
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“मांग के खइबो मस्जिद में सोबे“
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रीतलाल यादव का समर्थन करते दिखे। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस मस्जिद में लिखा गया या नहीं ये किसी ने देखा नहीं है। मेरा अनुसंधान वहां तक है भी नहीं। लेकिन लेकिन एक व्यक्ति तुलसीदास दुबे जी यह बोलते हैं ‘मांग के खइबो मस्जिद में सोबे’ तो फिर कुछ ना कुछ तो सच्चाई जरूर होगी। इसलिए यह बात उन लोगों को कहिए जो नफरत पैदा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि रामचरितमानस में जहां आपत्ति है वहां स्पष्ट है।
उसमें आपत्तिजनक बातें किसने जोड़ा मैं नहीं जानता हूं। मोहन भागवत जी भी कहते हैं कि स्वार्थी लोगों ने कुछ कुछ जोड़ दिया है। उसकी समीक्षा होनी चाहिए। मोहन भागवत जी से सवाल करना चाहिए कि आप तो हिंदूवाद के सबसे बड़े संगठन के प्रवर्तक हैं और आप यह महसूस करते हैं कि जो इस तरह के धर्म ग्रंथ है उसमें कुछ आपत्तिजनक अंश है। उसी अपत्तिजनक अंश को हटाकर मानस हो और भी धर्म ग्रंथ हो सामने लाया जाए।